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ग्राउंड रिपोर्ट हिंदी

"जंगल की ज़मीन सरकार की संपत्ति नहीं" किस अधिकार से निजी कंपनियों को दी जाएगी लीज़?

Tribal woman collecting grass from the forest in Chhindwara Madhya Pradesh
BySanavver Shafi

जब जंगल की जमीनें सामुदायिक निस्‍तार के प्रयोजन के लिए आरक्षित हैं तो ऐसे में वन विभाग वह ज़मीन किसी भी प्राइवेट कंप‍नी को लीज़ पर कैसे दे सकता है? 

साफ़ पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव में जान गंवाते पातालकोट के आदिवासी

Patalkot Contaminated water issue

मध्य प्रदेश का पातालकोट 1200 से 1500 फीट गहरी घाटी है। यहां से गुज़र रही पक्की सड़क के ठीक किनारे गुलवती उइके का पक्का मकान दिखाई देता है। उइके के गांव तक सड़क तो पहुंच चुकी है मगर एम्बुलेंस आज भी नहीं पहुंचती

“हमें पानी ला दो.”: पिकोला पिंद्रे जिनकी ज़िन्दगी सूखे में गुजरी

water crisis in wadda mal
ByShishir Agrawal

पिंद्रे का जीवन पानी के लिए संघर्ष करते हुए गुज़रा है। मगर इस कहानी में वह अकेली नहीं हैं। ज्यादातर घरों में पानी लाने का काम महिलाओं के जिम्मे ही है। सरकारी फाइलों में भी पिकोला के घर में नल तो पहुंच गया है मगर जल अभी भी हॉल्ट पर है।

उकटा रोग: किसानों ने छोड़ी दलहन फसल, बोले सरकार पुराने वादे पूरे करे

pulse farmers in MP
ByShishir Agrawal

बजट 2025-26 में घोषित ₹1000 करोड़ के ‘मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेस’ के बावजूद, मध्य प्रदेश के किसान उकटा रोग से परेशान होकर दलहन खेती छोड़ चुके हैं। समाधान न मिलने तक वे सरकार की घोषणाओं पर भरोसा नहीं कर रहे।

पूजनीय लेकिन ज़हरीली और प्रदूषित, यह है पन्ना की किलकिला नदी

Kilkila River of Panna City

पन्ना टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन से होकर गुज़रने वाली और पन्ना शहर की जीवनदायिनी किलकिला नदी की हालत यमुना जैसी हो गई है। नदी में गिर रहे नालों की वजह से एनजीटी ने नगर पालिका पर 99 लाख का फाइन लगाया था।

राजगढ़ में जारी है अवैध रेत खनन, 5 नदियां हो रही प्रभावित

Rajgarh District illegal sand mining
ByAbdul Wasim Ansari

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले मुख्य में तौर पर 5 नदियां गुज़रती हैं। इनमें से पार्वती, कालीसिंध, अजनार, गाड़नाला और नेवज प्रमुख हैं। राजगढ़ की इन नदियों से रेत खनन या कहें तो अवैध रेत खनन की खबरें आए दिन आती रहती हैं।

बुंदेलखंड के गांवों में जल संचय की गुहार लगाती जल सहेलियों की टोली

Jal Saheli Jal Yatra in Bundelkhand

जल सहेलियां जल सुरक्षा के एजेंडे को आगे बढ़ाने, लोगों को जागरूक करने जैसी प्रक्रियाओं सहित जल अधिकारों और उनके सामूहिक दावे की दिशा में काम करने की ज़िम्मेदारी निभाती हैं।

राजगढ़ में झोला छाप चिकित्सक खुलेआम कर रहे हैं लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़

Patient getting treatment at unauthorised clinic
ByAbdul Wasim Ansari

मध्य प्रदेश मैडिकल काउंसिल (एमपीएमसी) से वैध मेडिकल लाइसेंस के बिना चिकित्सा का अभ्यास करने वाले व्यक्तियों को झोला छाप चिकित्सक कहा जाता है, जिसका अनिवार्य रूप से अर्थ है कि उन्हें राज्य में चिकित्सा उपचार प्रदान करने की कानूनी अनुमति नहीं है।

किंदरई: नए पॉवर प्लांट के बाद चुटका में बढ़ता डर और असुरक्षा

Chutka Parmanu Sangharsh Samiti
ByShishir Agrawal

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के किंदरई गांव में नए न्यूक्लियर पॉवर प्लांट को मंजूरी मिली है। यह पहले से प्रस्तावित चुटका परमाणु परियोजना के बेहद पास है। इस खबर ने ग्रामीणों में विस्थापन का डर और रेडिएशन की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।

बरगी बांध: "सरकार के पास प्लांट के लिए पानी है किसानों के लिए नहीं"

water crisis in chutka
ByShishir Agrawal

1990 में बने बरगी बांध ने 162 गांवों को डूब का शिकार बना दिया था और 1,14,000 लोगों को बेघर कर दिया था। मगर इन लोगों के खेत आज भी पानी का इंतज़ार कर रहे हैं। इसी इलाके में 2 बड़े न्यूक्लियर पॉवर प्लांट बनने हैं जो भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल करेंगे।

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