टीबी रोगियों को ठीक होने में प्रोटीन युक्त भोजन सहायक होता है। प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन मांसपेशियों की हानि को रोकने, उपचार को बढ़ावा देने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में सहायक होता है।
बीते दिनों इंदौर में सीएम राइज स्कूल, और स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के निर्माण के लिए मल्हार आश्रम के कई पेड़ों को प्रशाशन द्वारा काट डाला गया है। इनमें से कई 40 से 80 साल पुराने पेंड़ भी थे, और कटे हुए पेड़ों की संख्या 100 के तकरीबन की बताई जा रही है।
गर्मी से तप रहे भोपाल के लिए यह मानसून राहत देने वाला होगा. मगर 26 वर्षीय विजय के लिए मानसून ऐसा नहीं है. वह जानते हैं कि मानसून आते ही उनका काम कई दिनों तक ठप्प रहेगा. गन्दा पानी न सिर्फ़ घर में घुसेगा बल्कि पीने का साफ़ पानी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा.
मध्यप्रदेश का वन विभाग जानवरों के लिए सुरक्षात्मक कदम उठा रहा है। बीते दिनों मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को एंटी डॉट लगाए जा रहे हैं। यह कदम बारिश के बाद होने वाले इंफेक्शन से चीतों को बचाने के लिए उठाया जा रहा है।
भोपाल की स्वयंसेवी संस्था 'एकलव्य फाउंडेशन' का भवन पर्यावरण अनुकूल बनाया गया है. यह भवन बढ़ती गर्मी से निजात दिलाने के लिए नवीन भवन निर्माण तकनीक की मिसाल पेश करता है.
मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 29 हज़ार पेड़ काटे नहीं बल्कि स्थानांतरित किए जाएँगे. मगर सवाल यह है कि क्या वाकई भोपाल नगर निगम या फिर वन अमला इतना सक्षम है कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ स्थानांतरित किए जा सकें?
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जलाशयों की मरम्मत के लिए 'जल गंगा संवर्धन अभियान' शुरू किया गया है. मगर राजधानी से थोड़ी ही दूर पर स्थित प्राचीन बावड़ियाँ अब भी बेहाल हैं.
भारत के 2025 तक टीबी मुक्त होने के लक्ष्य में आशा कार्यकर्त्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. वह मरीज़ और सरकारी अस्पताल के बीच की दूरी को कम करने का काम कर रही हैं.
भोपाल में सरकारी बंगलों को बनाने के लिए लगभग 29 हज़ार पेड़ों को काटा जाना है. इससे पहले भी भोपाल में स्मार्ट सिटी और मेट्रो के लिए भारी मात्र में पेड़ काटे गए हैं. इसका सीधा असर शहर के तापमान पर हुआ है.
पुरानी चंदेरी गांव में कई घरों की दीवारों पर लिखा मिलता है "हर घर नल से जल लाना है गांव को खुशहाल बनाना है।" लेकिन ग्रामीणों को नहीं पता कि दीवारों पर लिखा यह नारा हकीकत में कब बदलेगा। सीहोर के चंदेरी गांव से ग्राउंड रिपोर्ट