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ग्राउंड रिपोर्ट हिंदी

बरगी बांध: "सरकार के पास प्लांट के लिए पानी है किसानों के लिए नहीं"

By Shishir Agrawal

1990 में बने बरगी बांध ने 162 गांवों को डूब का शिकार बना दिया था और 1,14,000 लोगों को बेघर कर दिया था। मगर इन लोगों के खेत आज भी पानी का इंतज़ार कर रहे हैं। इसी इलाके में 2 बड़े न्यूक्लियर पॉवर प्लांट बनने हैं जो भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल करेंगे।

वायु प्रदूषण से घुटते गांव मगर सरकारी एजेंडे से गायब

By Shishir Agrawal

आम तौर पर वायु प्रदुषण के बारे में बात करते हुए हम शहरों में होने वाले प्रदूषण की ही बात करते हैं। नतीजा ये है कि ग्रामीण क्षेत्र के प्रदूषण को लेकर कोई नीति ही नहीं है। जबकि हालिया शोध के अनुसार प्रदूषण की स्थिति शहरों और गांवों में एक जैसी है।

खेती छोड़कर वृक्षारोपण के लिए सब कुछ लगा देने वाले 91 वर्षीय बद्धु लाल

By Sachin Tripathi

बद्धु लाल मध्य प्रदेश के सतना ज़िला के एक छोटे से गांव में रहते हैं। वह जलवायु परिवर्तन या फिर ग्लोबल वार्मिंग जैसे शब्द नहीं जानते मगर उन्होंने अपनी पूरी ज़मीन पर पौधारोपण कर दिया है। इसके लिए उन्होंने अपनी खेती की ज़मीन भी प्रकृति को दान कर दी है।

पातालकोट: भारिया जनजाति के पारंपरिक घरों की जगह ले रहे हैं जनमन आवास

By Pallav Jain

पातालकोट में पीएम जनमन योजना के तहत बनाए जा रहे घर कंक्रीट के उन बक्सों की तरह हैं जिसमें न पारंपरिक वास्तुकला का ध्यान रखा गया है न ही स्थानीय जलवायु का। 

झाबुआ पॉवर प्लांट, जिसके चलते किसान को मज़दूर बनना पड़ गया

By Shishir Agrawal

600 मेगावाट का यह कोल आधारित थर्मल पॉवर प्लांट स्थानीय किसानों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। उनका आरोप है कि प्लांट से निकलने वाली राख से उनके खेत प्रभावित हुए हैं। कई किसानों को इसके चलते अपनी खेती छोड़नी पड़ी है।

कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्र 'हरित समाधान' या गाढ़ी कमाई का ज़रिया?

By Sanavver Shafi

मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थापित पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट विवादों से घिरा हुआ है। इस प्लांट पर नियमों का पालन नही करने पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। इसके बावजूद राज्य में 6 नए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट खोलने की तैयारी की जा रही है।

भाऊखेड़ी में चौड़ी सड़क बनकर तैयार, लोग अपने टूटे घर अब-तक बना न सके

By Pallav Jain

सीहोर जिले के भाऊखेड़ी गांव में चौड़ी सड़क बनने के दो वर्ष बाद जब हम इस गांव में पहुंचे तो पाया कि जिन लोगों ने इस सड़क में अपना घर खोया उन्हें अभी तक पुनर्स्थापित नहीं किया जा सका है।

बाघों को रोककर चंदनपुरा नगर वन में कराई जाएगी लोगों की मॉर्निंग वॉक

By Sanavver Shafi

पर्यावरण कार्यकर्ता राशिद नूर खान मानते हैं कि भोपाल का नगर वन एक ओर तो बाघ गलियारों को प्रभावित करता है दूसरी ओर कलियासाेत नदी की सहायक केरवा नदी के प्रवाह को प्रभावित कर रहा है।

किसान बांध रहे खेतों की मेढ़ ताकि क्षरण से बची रहे उपजाउ मिट्टी

By Chandrapratap Tiwari

ग्रो-ट्रीज के सहयोग से हरदा और खण्डवा के 15 से अधिक गांवों के 100 से भी ज्यादा किसान अब अपने खेत की मिट्टी बचाने के लिए ‘मेड़ बांध रहे’ हैं। इन किसानों का कहना है कि इससे मिट्टी का कटाव रुकेगा जिससे फ़सल के लिए ज़रूरी पोषक तत्व बचेंगे।

इंदौर का अन्नपूर्णा तालाब हुआ स्वच्छ, जैविक तकनीक ने दूर किया प्रदूषण

By Chandrapratap Tiwari

शहर के कचरे, सीवेज, और देखरेख के आभाव में अन्नपूर्णा तालाब की स्थिति लगातार खराब होती गई। तालाब की स्थिति ऐसी बिगड़ी की यहां की मछलियां मरने लगीं। अब इस तालाब को फिर से जीवित करने की जद्दोजहद की जा रही है।

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