आम तौर पर वायु प्रदुषण के बारे में बात करते हुए हम शहरों में होने वाले प्रदूषण की ही बात करते हैं। नतीजा ये है कि ग्रामीण क्षेत्र के प्रदूषण को लेकर कोई नीति ही नहीं है। जबकि हालिया शोध के अनुसार प्रदूषण की स्थिति शहरों और गांवों में एक जैसी है।
बद्धु लाल मध्य प्रदेश के सतना ज़िला के एक छोटे से गांव में रहते हैं। वह जलवायु परिवर्तन या फिर ग्लोबल वार्मिंग जैसे शब्द नहीं जानते मगर उन्होंने अपनी पूरी ज़मीन पर पौधारोपण कर दिया है। इसके लिए उन्होंने अपनी खेती की ज़मीन भी प्रकृति को दान कर दी है।
पातालकोट में पीएम जनमन योजना के तहत बनाए जा रहे घर कंक्रीट के उन बक्सों की तरह हैं जिसमें न पारंपरिक वास्तुकला का ध्यान रखा गया है न ही स्थानीय जलवायु का।
600 मेगावाट का यह कोल आधारित थर्मल पॉवर प्लांट स्थानीय किसानों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। उनका आरोप है कि प्लांट से निकलने वाली राख से उनके खेत प्रभावित हुए हैं। कई किसानों को इसके चलते अपनी खेती छोड़नी पड़ी है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थापित पहला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट विवादों से घिरा हुआ है। इस प्लांट पर नियमों का पालन नही करने पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। इसके बावजूद राज्य में 6 नए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट खोलने की तैयारी की जा रही है।
सीहोर जिले के भाऊखेड़ी गांव में चौड़ी सड़क बनने के दो वर्ष बाद जब हम इस गांव में पहुंचे तो पाया कि जिन लोगों ने इस सड़क में अपना घर खोया उन्हें अभी तक पुनर्स्थापित नहीं किया जा सका है।
पर्यावरण कार्यकर्ता राशिद नूर खान मानते हैं कि भोपाल का नगर वन एक ओर तो बाघ गलियारों को प्रभावित करता है दूसरी ओर कलियासाेत नदी की सहायक केरवा नदी के प्रवाह को प्रभावित कर रहा है।
ग्रो-ट्रीज के सहयोग से हरदा और खण्डवा के 15 से अधिक गांवों के 100 से भी ज्यादा किसान अब अपने खेत की मिट्टी बचाने के लिए ‘मेड़ बांध रहे’ हैं। इन किसानों का कहना है कि इससे मिट्टी का कटाव रुकेगा जिससे फ़सल के लिए ज़रूरी पोषक तत्व बचेंगे।
शहर के कचरे, सीवेज, और देखरेख के आभाव में अन्नपूर्णा तालाब की स्थिति लगातार खराब होती गई। तालाब की स्थिति ऐसी बिगड़ी की यहां की मछलियां मरने लगीं। अब इस तालाब को फिर से जीवित करने की जद्दोजहद की जा रही है।
Sorted Sexed Semen के पक्षकार यह कहते हैं कि इसका लाभ किसानों को लंबी अवधी के बाद मिलेगा। तीन पीढ़ियों बाद उन्नत नस्ल की गाय तैयार हो जाएगी, जिसका दूध उत्पादन अधिक होगा।
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