मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में ओमकारेश्वर बांध के बैकवॉटर में 600 मेगावॉट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है। नदी पर सोलर प्लेट्स लगने की वजह से मछुआ परिवार के 1877 सदस्य प्रभावित हुए हैं। प्रभावित गांव एखंड से हमारी ग्राउंड रिपोर्ट।
तालाब भूजल को रिचार्ज करने के प्रमुख साधन हैं. मगर अमृत सरोवर योजना से छूट गए गाँवों में तालाब और भूजल दोनों की ही स्थिति बेहद ख़राब है. ऐसे में यह स्थिति यहाँ के ग्रामीणों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ और परेशानियाँ लादती है.
बढ़ते तामपान के चलते खुले में काम करने वाले मज़दूर सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं. लिंग आधारित पहचान, भूमिहीन होना और योजना से वंचित होना इस कठिनाई को और बढ़ा देता है.
इंदौर (Indore) के सिरपुर वेटलैंड (wetland) में कई तरह के निर्माण कार्य नियमों के खिलाफ हैं। यह मामला भी एनजीटी (NGT) में चल रहा है, सिरपुर के सर्वे की रिपोर्ट और फैसला आना शेष है।
यह नजारा लेह, लद्दाख (Ladakh) में प्रवासी मजदूरों की वास्तविकता को दर्शाता है, जब वे रोजगार की तलाश में मुख्य बाजार में इकट्ठा होते हैं। चुनौतियों का सामना करने में उनकी दृढ़ता उनके समर्पण को दर्शाती है जो इस क्षेत्र में उनके जीवन को परिभाषित करती है।
राजस्थान के कानजी मेवाड़ा प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए कार्य कर रहे हैं। वह प्लास्टिक संग्रहण केंद्र का संचालन करके इस विषय में जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। ग्राउंड रिपोर्ट ने उनसे बात की और जाना उनके सफर और चुनौतियों के बारे में।
मछुआरों की आय को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य सम्पदा योजना लॉन्च की गई थी. योजना में मछुआरों की आय दोगुनी करने सहित कई वादे शामिल थे. मगर भोपाल के मछुआरों के हाल इन वादों से जुदा हैं.