मध्य प्रदेश में भूजल का संकट सामने आने लग गया है। हाल में आयी भूजल पर सरकारी रिपोर्ट के अनुसार मालवा क्षेत्र में भूजल का दोहन बढ़ गया है। इसके साथ ही इंदौर, उज्जैन जैसे शहरों में भूजल के अधिक दोहन से पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
भारत में पहली बार डॉल्फिन गणना हुई, जिसमें 8 राज्यों की 28 नदियों में 6327 डॉल्फिन पाई गईं। गंगा में सबसे अधिक 5689 और पंजाब की ब्यास नदी में मात्र 3 डॉल्फिन दर्ज की गईं। यह सर्वे 2021-2023 के बीच 8500 किमी नदी क्षेत्र में हुआ है।
मध्य प्रदेश सरकार डिंडोरी जिले के घुघवा जीवाश्म नेशनल पार्क को वापस पर्यटन के लिए तैयार करने जा रही है। धार के डायनासोर जीवाश्म नेशनल पार्क को भी नया रूप दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने हालिया बजट में 242 करोड़ रुपए की अनुमानित राशि का प्रस्ताव दिया है।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गांवों में कचरा प्रबंधन की हालत बदतर है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए सेग्रिगेशन शेड और कम्पोस्ट पिट्स बेकार पड़े हैं। फंड और सफाई कर्मचारियों की कमी से गांवों में सफाई और कचरा प्रबंधन प्रभावित हो रहा है।
उज्जैन के तराना में मुख्यमंत्री ने नर्मदा-क्षिप्रा बहुउद्देशीय माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया। इस परियोजना से उज्जैन और शाजापुर जिले के कुल 100 गांवों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जाएगा।
साल 2025 में टीकमगढ़ जिले के गांवों में पानी का इंतजाम किया जाना था। लेकिन 102 गांवों में बोरबेल करने के बाद पानी न मिलने से योजनाएं बीच में ही अटक गई हैं। इसके चलते लोगों को गर्मियों में पानी के इंतजाम में मशक्कत करनी पड़ सकती है।
पन्ना टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन से होकर गुज़रने वाली और पन्ना शहर की जीवनदायिनी किलकिला नदी की हालत यमुना जैसी हो गई है। नदी में गिर रहे नालों की वजह से एनजीटी ने नगर पालिका पर 99 लाख का फाइन लगाया था।
टीकमगढ़ जिले में चंदेलकालीन सैल सागर तालाब पर लोग कब्जा कर पक्के मकानों का निर्माण कर रहे हैं। इसे लेकर स्थानीय लोग कब्जा हटाने की मांग कर रहे थे। लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। हाल में आए नए कलेक्टर से लोग कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
Tikamgarh is one of the districts in Madhya Pradesh where filariasis is common. In total, 11 districts in the state are affected. Before 2021, there were more than 150 active cases of filariasis here.
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