How South African cheetahs in Gandhi Sagar became unlikely allies for farmers battling nilgai crop damage while raising fresh fears about livestock safety.
राज्य में मूंग खरीदी नीति में खामियां और वेयरहाउस संचालकों का बहिष्कार किसानों के लिए संकट बन गया है। संचालकों की मांगें जायज हैं, परंतु बहिष्कार का असर छोटे और मझोले किसानों पर पड़ रहा है, जो एमएसपी पर निर्भर हैं।
3 जुलाई 2025 को मप्र सरकार ने सरदारपुर खरमोर अभयारण्य का 215.28 वर्ग किमी डिनोटिफाई किया। 14 गांवों के आदिवासी किसानों को मिली जमीन पर पूर्ण स्वतंत्रता।
देवास के खिवनी खुर्द में 29 आदिवासी परिवार बेघर। वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल, 5000 लोगों का विरोध प्रदर्शन। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया मामले का स्वतः संज्ञान।
2025-26 में मूंग के लिए 8,682 रुपये प्रति क्विंटल का MSP तय था, जो किसानों की आर्थिक रीढ़ था। लेकिन सरकारी फैसले के बाद उन्हें मंडियों में 5000 से 5500 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा।
Adani Power acquired the thermal energy project in 2023, gaining full control by Oct 2024. Now operated by subsidiary Anuppur Thermal Energy (MP) Pvt Ltd.
गृहमंत्री अमित शाह ने 22 अप्रैल 2022 को वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की घोषणा की थी। लेकिन तीन साल बाद भी आदिवासी गाँवों में कुछ नहीं बदला है। इन वनग्रामों में जीवन कागजी प्रक्रियाओं में कैद होकर रह गया है।
2023 में अडानी पावर लिमिटेड ने इस परियोजना का अधिग्रहण किया और अक्टूबर 2024 तक 100 प्रतिशत नियंत्रण हासिल कर लिया। अडानी ग्रुप की सहायक कंपनी अनूपपुर थर्मल एनर्जी (मप्र) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से यह परियोजना अब जानी जाती है।
नया खामदा, सुपलई और सकाई गांव के परिवारों को सतपुड़ा के जंगल से विस्थापन के बदले पथरीली और कब्ज़े वाली ज़मीन दी गई है जहां उनके लिए खेती करना संभव नहीं है।
We use cookies to enhance your browsing experience, serve personalized ads or content, and analyze our traffic. By clicking "Accept All", you consent to our use of cookies in line with EU regulations.