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Sanavver Shafi

Based in Bhopal, this independent rural journalist traverses India, immersing himself in tribal and rural communities. His reporting spans the intersections of health, climate, agriculture, and gender in rural India, offering authentic perspectives on pressing issues affecting these often-overlooked regions.

खरमोर के संरक्षण में कहां रह गई कमी, मध्य प्रदेश में विलुप्त!

By Sanavver Shafi

बढ़ती पवन चक्कियां, बदलती खेती और स्थानीय समुदाय व वन विभाग के तालमेल की कमी से राज्य में शून्य हुई मध्य प्रदेश में खरमोर की संख्या, संरक्षण की बात केवल कागज़ों तक सिमटी।

वनाग्नि से जंग लड़, बैतूल के युवा आदिवासी बचा रहे हैं जंगल और आजीविका

By Sanavver Shafi

बैतूल के आदिवासियों ने जंगल में लगने वाली आग को रोकने के लिए अपने वनोपज संग्रहण करने के तरीकों में भी बदलाव किया है और इस प्रयास का असर भी हुआ है वर्ष 2021 की तुलना में आग लगने की घटनाएं 90 फीसदी तक कम हुई हैं।

सरकार के भरोसे खेतों में वेयरहाउस बनाकर कर्ज़दार बन रहे एमपी के किसान

By Sanavver Shafi

मध्य प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें खेतों में वेयरहाउस बनाने के लिए सब्सिडी दी गई लेकिन अब उत्पादन क्षमता से अधिक गोदाम बन चुके हैं और ये वेयरहाउस संचालक मुसीबत में हैं। ग्राउंड रिपोर्ट हिंदी

मध्यप्रदेश में सोयाबीन किसान MSP पर खरीदी से भी नाखुश, आंदोलन जारी

By Sanavver Shafi

ग्राउंड रिपोर्ट ने किसान, सरकार और विशेषज्ञों से बात कर एमएसपी पर सोयाबीन की खरीदी और लागत के अंतर को समझने का प्रयास इस रिपोर्ट में किया है।

बदलती जलवायुः वनोपज पर असर, आदिवासियों की आजीविका पर गहराया संकट

By Sanavver Shafi

मप्र के जंगलों के आसपास बसे आदिवासियों की आमदनी का सुनिश्चित जरिया लघु वनोपज (महुआ, चिरौंजी, तेंदुपत्ता आदि) है, जोकि उन्हें साल के छह माह आदमनी देते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से बदलती जलवायु का असर वनोपज पर भी पड़ रहा है.

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