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Sanavver Shafi

Based in Bhopal, this independent rural journalist traverses India, immersing himself in tribal and rural communities. His reporting spans the intersections of health, climate, agriculture, and gender in rural India, offering authentic perspectives on pressing issues affecting these often-overlooked regions.

वेयरहाउस संचालकों द्वारा मूंग तुलाई का विरोध बना किसानों के लिए संकट

Moong threshing in Madhya Pradesh
By Sanavver Shafi

राज्‍य में मूंग खरीदी नीति में खामियां और वेयरहाउस संचालकों का बहिष्‍कार किसानों के लिए संकट बन गया है। संचालकों की मांगें जायज हैं, परंतु बहिष्‍कार का असर छोटे और मझोले किसानों पर पड़ रहा है, जो एमएसपी पर निर्भर हैं। 

सरदारपुर पक्षी अभ्यारण्य का 215.28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हुआ डिनोटिफाइड

sardarpur sanctuary denotified
By Sanavver Shafi

3 जुलाई 2025 को मप्र सरकार ने सरदारपुर खरमोर अभयारण्य का 215.28 वर्ग किमी डिनोटिफाई किया। 14 गांवों के आदिवासी किसानों को मिली जमीन पर पूर्ण स्वतंत्रता।

खिवनी खुर्द में आदिवासियों के जीवन पर बुलडोजर का कहर

Untitled design (2)
By Sanavver Shafi

देवास के खिवनी खुर्द में 29 आदिवासी परिवार बेघर। वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल, 5000 लोगों का विरोध प्रदर्शन। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया मामले का स्वतः संज्ञान।

मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

मूंग की फसल हारवेस्ट करते किसान
By Sanavver Shafi

2025-26 में मूंग के लिए 8,682 रुपये प्रति क्विंटल का MSP तय था, जो किसानों की आर्थिक रीढ़ था। लेकिन सरकारी फैसले के बाद उन्हें मंडियों में 5000 से 5500 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा।

मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

forest village conversion in MP stuck in bureaucracy
By Sanavver Shafi

गृहमंत्री अमित शाह ने 22 अप्रैल 2022 को वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की घोषणा की थी। लेकिन तीन साल बाद भी आदिवासी गाँवों में कुछ नहीं बदला है। इन वनग्रामों में जीवन कागजी प्रक्रियाओं में कैद होकर रह गया है।

अनूपपुर कोयला संयंत्र: मध्य भारत के बाघ गलियारों के लिए नया संकट

Anuppur coal power plant controversy
By Sanavver Shafi

2023 में अडानी पावर लिमिटेड ने इस परियोजना का अधिग्रहण किया और अक्टूबर 2024 तक 100 प्रतिशत नियंत्रण हासिल कर लिया। अडानी ग्रुप की सहायक कंपनी अनूपपुर थर्मल एनर्जी (मप्र) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से यह परियोजना अब जानी जाती है।

सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

Satpura Tiger reserve displacement protests
By Sanavver Shafi

नया खामदा, सुपलई और सकाई गांव के परिवारों को सतपुड़ा के जंगल से विस्थापन के बदले पथरीली और कब्ज़े वाली ज़मीन दी गई है जहां उनके लिए खेती करना संभव नहीं है। 

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