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राजस्थान के गांवों में आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

राजस्थान के गांवों में आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

ग्रामीण भारत: इस समय राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की सबसे अधिक ज़रूरत है. राज्य के कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जो आज भी सरकारी योजनाओं की पहुंच से दूर हैं.

बिहार में "हर घर शौचालय' का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

कैशापी पुरानी डिह गांव जो जिला मुख्यालय से 23 किमी दूरी पर स्थित हैं, यहां सभी घरों में आज भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. | ग्रामीण भारत | हिंदी

क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने पशुपालन भी एक प्रमुख साधन है. लेकिन हाल के कुछ वर्षों में राजस्थान के कई ग्रामीण इलाकों में पशुपालन किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होता जा रहा है.

स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

पटना के कुछ इलाके अभी भी ऐसे हैं जहां आज भी साफ़-सफाई बहुत अधिक नज़र नहीं आती है. इन्हीं में एक अदालतगंज स्थित स्लम बस्ती भी है. जहां स्वच्छता का विशेष प्रभाव नज़र नहीं आता है.

शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

राजस्थान देश का दूसरा ऐसा राज्य है जहां इस योजना की रफ्तार बहुत कम है. यहां 01,07,04,126 घरों में से मात्र 53,63,522 घरों में नल का कनेक्शन पहुंच सका है. न केवल ग्रामीण क्षेत्रों बल्कि शहर में आबाद कच्ची बस्तियों में भी पीने के पानी की बहुत बड़ी समस्या है.

ग्राम समुदाय की सहभागिता से संभव है पर्यावरण संरक्षण

ग्राम समुदाय की सहभागिता से संभव है पर्यावरण संरक्षण

दुनिया भर में पर्यावरण एक अहम मुद्दा बनता जा रहा है. यह वह मुद्दा है जिस पर क्रियान्वयन कम और संपूर्ण सृष्टि पर इसका प्रभाव अधिक नजर आ रहा है. थार (Thar) का पर्यावरण भी अति संवेदनशील है. जरा सी नकारात्मक छेड़छाड़ अथवा सकारात्मक पहल का प्रभाव बड़ा होता है.

मशरूम की खेती बनी महिला किसानों की नयी पहचान

मशरूम की खेती बनी महिला किसानों की नयी पहचान

नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021-22 में बिहार (Bihar) में तकरीबन 28,000 मीट्रिक टन मशरूम (Mushroom ) का उत्पादन हुआ है, जो देश मे उत्पादित कुल मशरूम का 10.82 फीसदी है.

स्वस्थ भारत की राह में रोड़ा है कुपोषण

स्वस्थ भारत की राह में रोड़ा है कुपोषण

सरकारों की ओर जारी आंकड़ों में कुपोषण के विरुद्ध जबरदस्त जंग दर्शाया जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अभी भी हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाएं और 5 पांच तक की उम्र के अधिकतर बच्चे कुपोषण (Malnutrition) मुक्त नहीं हुए हैं.

महंगे सिलेंडर के कारण फिर से मिट्टी के चूल्हे जलाती महिलाएं

महंगे सिलेंडर के कारण फिर से मिट्टी के चूल्हे जलाती महिलाएं

ऐसा लगता है कि गरीब मजदूर-किसानों के घरों को धुंआ मुक्त चूल्हा उपलब्ध कराने के उद्देश्य केंद्र सरकार ने जिस उज्ज्वला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana) की शुरुआत की थी वह महंगे गैस सिलेंडर की भेंट चढ़ती नजर आ रही है.