Extended dry spells, early monsoon withdrawal, or delayed monsoon have all been major contributors to the soybean crop's poor performance in Madhya Pradesh
The total wet waste of 650 tonnes produced in the city per day is treated at three different Bio-CNG plants at Choithram Mandi, Kabitkhedhi and Devguradia.
क्षिप्रा की मुख्य समस्याएं प्रदूषण और उसका संकरा होता जल ग्रहण क्षेत्र है। कुछ दस्तावजों के अनुसार क्षिप्रा की स्थिति 1996 के बाद बिगड़नी शुरू हुई, और ये अभी तक बिगड़ती ही चली आ रही है। बारामासी नदी क्षिप्रा का पानी अब बरसात के 6-8 महीने बाद ही सूख जाता है
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) ने पर्यावरण की बहाली के तहत नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के अंतर्गत कॉलेजों को अपने परिसर का हिस्सा ग्रीन कैंपस के रूप में विकसित करना पड़ेगा।
बीते दिनों इंदौर में सीएम राइज स्कूल, और स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के निर्माण के लिए मल्हार आश्रम के कई पेड़ों को प्रशाशन द्वारा काट डाला गया है। इनमें से कई 40 से 80 साल पुराने पेंड़ भी थे, और कटे हुए पेड़ों की संख्या 100 के तकरीबन की बताई जा रही है।
रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और शहरी विकास मंत्री, कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में 20 करोड़ की लागत से 51 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य बनाया है। वहीं इंदौर से 120 मील दूर भोपाल में शहरी विकास के नाम पर 29 हजार पेड़ काटे जा रहे हैं।