Wildlife trafficker Tashi Sherpa, once a fugitive, was arrested after a nine-year manhunt across India and Nepal. A Madhya Pradesh court sentenced him to five years for smuggling tiger bones and pangolin scales across borders.
इस अध्ययन में उन आठ प्रमुख बाघ अभयारण्यों को चिह्नित किया गया है जहां शाकाहारी जीवों का घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 50 से अधिक है। भारत के शीर्ष आठ बाघ आवास स्थलों में मध्य प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व शामिल हैं, जिनमें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भी सम्मिलित है।
Tiger-human conflict escalated near state capital during summer as tiger numbers rise while forests shrink. Severe water shortage drives wildlife into villages, yet the forest department lacks a concrete management plan for this growing crisis.
यदि संरक्षण प्रयासों में जेनेटिक विविधता को प्राथमिकता दी जाए, तो हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रजातियां न केवल आज जीवित रहें, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सशक्त और जीवनक्षम बनी रहें।
पन्ना टाइगर रिजर्व को रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व से जोड़ने वाला गलियारा छतरपुर जिले की बाजना रेंज के अंतर्गत आता है। इसी बाजना रेंज में 40 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। वन विभाग ने भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।
किशनगढ़ रेंज में भारी मशीनों से सड़क निर्माण करवाया जा रहा है। कच्ची सड़क और नाली के निर्माण में मजदूरों से काम करवाने का प्रावधान है। इसी इलाके में पांच बाघों का स्थायी आवास है। मशीनों के उपयोग से क्षेत्र पिछले एक सप्ताह से अशांत है।
मध्य प्रदेश में एनीमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गुजरात के गिर से दो शेरों का जोड़ा लाया गया है। इसे भोपाल के वन विहार में रखा गया है। लाए गए जोड़े और उनसे ब्रीडिंग कराकर पैदा होने वाले शावकों को मध्य प्रदेश के जंगलों में छोड़ा जाएगा।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में तहत नेशनल पार्कों की सीमाओं का एलान करना अनिवार्य है। लेकिन मध्य प्रदेश में अब तक 11 में से 1 नेशनल पार्क की सीमाओं का ही एलान नहीं किया गया है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी आदेश दे चुके हैं।
हूलोंगापार गिब्बन अभ्यारण्य में तेल शोधन के लिए मंत्रालय द्वारा मंजूदरी दे दी गई है। यहां हूलाॅक जैसे छह लुप्तप्राय प्रजातियां निवास करती हैं। जिनको लेकर वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूय पहले ही चिंता जाहिर कर चुका है।
We use cookies to enhance your browsing experience, serve personalized ads or content, and analyze our traffic. By clicking "Accept All", you consent to our use of cookies in line with EU regulations.