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Photograph: (Ground Report)
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 90 और रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में 19 हो गई है। इसीलिए बाघों के बढ़ते घनत्व को देखकर भारतीय वन्य जीव संस्थान की निगरानी में ग्रेटर लैंड स्केप प्लान तैयार किया गया है। इसकी निगरानी के लिए भारत सरकार ने मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन की अध्यक्षता में ग्रेटर पन्ना लैंड स्केप काउंसिल का गठन किया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दोनों टाइगर रिजर्वों के बीच बाघों के मूवमेंट के लिए एक संपर्क गलियारा विकसित करना शामिल है।
गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की किशनगढ़ बफर और मड़ियादो बफर रेंज से छतरपुर वन मंडल की बाजना रेंज का क्षेत्र आपस में जुड़ा हुआ है। यही बाजना रेंज आगे बक्सवाहा रेंज से जुड़ी हुई है। फिर बक्सवाहा रेंज भी दमोह और सागर वन मंडल को जोड़ती है। इसी को देखते हुए इस क्षेत्र को टाइगर संपर्क गलियारे के रूप में चिन्हित किया गया है।
संपर्क गलियारे के तहत आने वाले रामगढ़ से चौरइया घाटी तक शाहगढ़ बीट और जुनवानी बीट में अतिक्रमण किया जा रहा है। इसी क्षेत्र में अतिक्रमणकारी हरे भरे पेड़ों को भी काट रहे हैं और जंगल को खेतों में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी गलियारे से बाघ अधिक घनत्व वाले क्षेत्र से कम घनत्व वाले क्षेत्रों में जा सकेंगे। इस गलियारे में गिद्धों का संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है क्योंकि पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की सात प्रजातियां पाई जाती हैं।
रामगढ़ से चौरइया मार्ग के दोनों ओर 100 एकड़ वनभूमि पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर बाजना रेंज में प्रकरण भी दर्ज किया गया है। साथ ही इसी मामले में एसडीओ और डीएफओ स्तर के अधिकारी जांच कर चुके हैं, लेकिन वन भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। इसी पहाड़ी पर मौजूद राजस्व भूमि पर भी अतिक्रमण जारी है।
इसी मामले को लेकर बाजना रेंज के रेंजर रजत तोमर बताते हैं कि अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज है। मामले में चालान भी पेश कर दिया गया है। अतिक्रमण हटाने के लिए इस मामले को टास्कफोर्स में शामिल किया गया है। अब वरिष्ठ अधिकारी अतिक्रमण हटाने के संबंध में फैसला लेंगे।
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