Powered by

Advertisment
Home हिंदी पन्ना-रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व कॉरिडोर के 40 हेक्टेयर जंगल पर अतिक्रमण

पन्ना-रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व कॉरिडोर के 40 हेक्टेयर जंगल पर अतिक्रमण

पन्ना टाइगर रिजर्व को रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व से जोड़ने वाला गलियारा छतरपुर जिले की बाजना रेंज के अंतर्गत आता है। इसी बाजना रेंज में 40 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। वन विभाग ने भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। 

ByManvendra Singh Yadav
New Update
tiger

Photograph: (Ground Report)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 90 और रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में 19 हो गई है। इसीलिए बाघों के बढ़ते घनत्व को देखकर भारतीय वन्य जीव संस्थान की निगरानी में ग्रेटर लैंड स्केप प्लान तैयार किया गया है। इसकी निगरानी के लिए भारत सरकार ने मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन की अध्यक्षता में ग्रेटर पन्ना लैंड स्केप काउंसिल का गठन किया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दोनों टाइगर रिजर्वों के बीच बाघों के मूवमेंट के लिए एक संपर्क गलियारा विकसित करना शामिल है।

Advertisment

गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की किशनगढ़ बफर और मड़ियादो बफर रेंज से छतरपुर वन मंडल की बाजना रेंज का क्षेत्र आपस में जुड़ा हुआ है। यही बाजना रेंज आगे बक्सवाहा रेंज से जुड़ी हुई है। फिर बक्सवाहा रेंज भी दमोह और सागर वन मंडल को जोड़ती है। इसी को देखते हुए इस क्षेत्र को टाइगर संपर्क गलियारे के रूप में चिन्हित किया गया है। 

संपर्क गलियारे के तहत आने वाले रामगढ़ से चौरइया घाटी तक शाहगढ़ बीट और जुनवानी बीट में अतिक्रमण किया जा रहा है। इसी क्षेत्र में अतिक्रमणकारी हरे भरे पेड़ों को भी काट रहे हैं और जंगल को खेतों में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी गलियारे से बाघ अधिक घनत्व वाले क्षेत्र से कम घनत्व वाले क्षेत्रों में जा सकेंगे। इस गलियारे में गिद्धों का संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है क्योंकि पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की सात प्रजातियां पाई जाती हैं। 

Advertisment

रामगढ़ से चौरइया मार्ग के दोनों ओर 100 एकड़ वनभूमि पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर बाजना रेंज में प्रकरण भी दर्ज किया गया है। साथ ही इसी मामले में एसडीओ और डीएफओ स्तर के अधिकारी जांच कर चुके हैं, लेकिन वन भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। इसी पहाड़ी पर मौजूद राजस्व भूमि पर भी अतिक्रमण जारी है।     

इसी मामले को लेकर बाजना रेंज के रेंजर रजत तोमर बताते हैं कि अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज है। मामले में चालान भी पेश कर दिया गया है। अतिक्रमण हटाने के लिए इस मामले को टास्कफोर्स में शामिल किया गया है। अब वरिष्ठ अधिकारी अतिक्रमण हटाने के संबंध में फैसला लेंगे। 

भारत में स्वतंत्र पर्यावरण पत्रकारिता को जारी रखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट का आर्थिक सहयोग करें। 

Advertisment

यह भी पढ़ें

दाल रोटी के सहारे टीबी से लड़ रहे विदिशा में कुचोली गांव के आदिवासी

सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित झाबुआ के आदिवासी केगू की कहानी

ज़मीन पर टीबी उन्मूलन में जुटी ASHA कार्यकर्ताओं की परेशानियों से आंख मूंदता सिस्टम

राजगढ़ में झोला छाप चिकित्सक खुलेआम कर रहे हैं लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जटिल शब्दावली सरल भाषा में समझने के लिए पढ़िए हमारी क्लाईमेट ग्लॉसरी।