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पन्ना टाइगर रिजर्व में नियमों के विरुद्ध हो रहा निर्माण कार्य

किशनगढ़ रेंज में भारी मशीनों से सड़क निर्माण करवाया जा रहा है। कच्ची सड़क और नाली के निर्माण में मजदूरों से काम करवाने का प्रावधान है। इसी इलाके में पांच बाघों का स्थायी आवास है। मशीनों के उपयोग से क्षेत्र पिछले एक सप्ताह से अशांत है। 

By Manvendra Singh Yadav
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Panna Tiger Reserve

Photograph: (Rajiv Sharma/X/pannatigerreserve)

पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में प्रतिबंधित मशीनों से काम हो रहा है। नियमों के मुताबिक सड़क का निर्माण मजदूरों से करवाया जाना है बजाय इसके किशनगढ़ रेंज में पटोरी- घेरी मार्ग पर जेसीबी मशीन से खुदाई और मिट्टी फैलायी जा रही है। 

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पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में अवैध गतिविधियों के चलते बाघ बफर एरिया की ओर मूवमेंट कर रहे हैं। जिसकी वजह से दिसंबर और जनवरी माह में बाघों ने चार लोगों पर हमला किया है। इन हमलों में एक महिला की मौत भी हो गई थी। बाघों के इन हमलों के पीछे शिकार की कमी को भी एक कारण माना जा रहा है। 

साल 2008 में पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या शून्य हो चुकी थी। जिसके बाद सरकार ने पुनर्वास पर ध्यान दिया तो आज बाघों की संख्या 90 हो चुकी है। फिलहाल शिकार की कमी और भारी मशीनों की गतिविधि बाघों को परेशान कर रही है। इससे बाघ बफर एरिया में प्रवेश कर रहे हैं और हमलों की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं। अगर इसी प्रकार से क्षेत्र अशांत रहा तो बाघों के हमले बढ़ सकते हैं।

भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार किशनगढ़ के रेंजर रामप्रसाद प्रजापति से इस बारे में बात की गई तो  वे बताते हैं कि कुछ काम मजदूर नहीं कर पाते इसलिए मशीनों से कराना पड़ रहा है। मटेरियल की ढुलाई में मशीन का उपयोग करते हैं। किशनगढ़ कोर रेंज में 5 बाघों का स्थाई आवास है। इसी रेंज में दो सड़कों की मरम्मत की जा रही है। यही बाघों का खासा मूवमेंट रहता है। यहां किसी भी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है। ऐसे में भारी मशीनों के संचालन से पूरा इलाका पिछले एक सप्ताह से अशांत क्षेत्र बना हुआ है। 

बाद में उनसे पूछा गया कि नाली खुदाई और मिट्टी फैलाने का काम तो मजदूर कर सकते हैं। खुदाई में जेसीबी मशीन के उपयोग वीडियो दैनिक भास्कर के पास हैं तो वे इसका कोई जवाब नहीं दे सके। 

फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व की ओर से स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार कच्ची सड़कों को निर्माण में मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित है। 13-13 लाख रुपये की लागत की इन सड़कों का पूरा काम मजदूरों से कराने का प्रावधान है। लेकिन इस निर्माण के लिए जिम्मेदार रेंजर राम प्रसाद प्रजापति अवैध रूप से भारी मशीनों का उपयोग कर रहे हैं।

इस मामले को लेकर मीडिया को बयान देते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की कहती हैं

“मैंने कुछ दिन पहले किशनगढ़ कोर एरिया का निरीक्षण किया है। तब वहां मशीनों का संचालन नहीं मिला था। कोर एरिया में मशीनों का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। मामले की जांच कराएंगे। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।”

असल में मशीनों से कम लागत में जल्दी काम हो जाता है। भले ही काम मशीनों से कराया जा रहा हो मगर राशि भुगतान के लिए मजदूरों के बिल लगाए जाने की तैयारी है। रेंजर राम प्रसाद के पास किशनगढ़ के साथ ही मड़ियादो रेंज का भी प्रभार है। राम प्रसाद पर मड़ियादों में चल रहे प्लांटेशन के काम में भी वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं। 

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