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ग्राउंड रिपोर्ट हिंदी

MP में खाद की कमी के बाद भी किसान नहीं खरीद रहे IFFCO की नैनो यूरिया

Nano Urea and Nano Liquid DAP

प्रचार और बड़े दावों के बाद भी मध्यप्रदेश के किसान नैनो यूरिआ का इस्तेमाल नहीं करना चाह रहे हैं। कई समितियों में किसानों को तीन बोरी खाद पर एक बोतल यूरिआ के लिए बाध्य भी किया जा रहा है।

मध्‍य प्रदेश को C&D वेस्‍ट से निजात पाने के लिए तय करना होगा लंबा सफर

Construction and demolition waste management in Bhopal
BySanavver Shafi

मध्य प्रदेश में सीएंडडी वेस्‍ट प्रोसेसिंग के लिए एक बेहतर कार्य योजना तैयार करने की ज़रूरत है, ताकि निवेशक प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के इच्छुक हों। इसके साथ ही लोगों को भी इस विषय पर जागरुक करने की ज़रुरत है।

मध्य प्रदेश में पराली जलाने पर सख्ती नहीं, दम घोंटू धुंए से पटे गांव

Stubbel Burning in Madhya Pradesh
ByPallav Jain

केंद्र सरकार ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर लगने वाले जुर्माने को दोगुना कर दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे लागू करने की बाध्यता नहीं है। नए नियम क्षेत्रीय नीतिगत कमियों को उजागर करते हैं।

‘अस्थमा है दादी को…’: दिल्ली में वायु प्रदूषण से मजदूर वर्ग सबसे ज़्यादा पीड़ित

Delhi air pollution
ByPiyush Singh

जुलाई 2024 में आयी लैंसेट की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली में हर साल 11.5 प्रतिशत मौतें वायु प्रदूषण के कारण होती है। खुले में काम करने वाले लोग सबसे ज़्यादा इसकी चपेट में आते हैं। अकेले 2019 में भारत में कुल मौतों में से 17.8% मौतें यानी 16.7 लाख लोगों ने अपनी जान वायु प्रदूषण के कारण गवाई थी। 

5 साल बाद चाईनीज़ झालर से मुक्त हुए सारणी जलाशय पर फिर लौटेंगे मछुआरे

Sarani Reservoir
BySanavver Shafi

बैतूल के सारनी में मछुआरों के लिए मुसीबत बन चुकी चाइनीज झालर अब जलाशय से पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इस वजह से अब समुदाय के लोगों में अपने पारंपरिक पेशे से फिर से जुड़ने की उम्मीद जागी है।

मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों पर आफतों की बाढ़

Soybean Crop Destroyed
BySanavver Shafi

राज्य का मालवा-निमाड़ क्षेत्र सोयाबीन की खेती के लिए जाना जाता हैं। इन क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल को 80 फीसदी तक नुकसान हुआ हैं। कहीं-कहीं तो पूरी तरह से फसल तबाह हो गई है। 

खरमोर के संरक्षण में कहां रह गई कमी, मध्य प्रदेश में विलुप्त!

Lesser florican Madhya Pradesh
BySanavver Shafi

बढ़ती पवन चक्कियां, बदलती खेती और स्थानीय समुदाय व वन विभाग के तालमेल की कमी से राज्य में शून्य हुई मध्य प्रदेश में खरमोर की संख्या, संरक्षण की बात केवल कागज़ों तक सिमटी।

MP के पांढुर्ना में प्लास्टिक को लैंडफिल में जाने से रोक रहे हैं अरुण

Arun Shende Plastic Recycler Chindwara

अरुण पांढुर्ना में पिछले तीन सालों से प्लास्टिक को रिसाइकल कर रहे हैं। अरुण इसे प्लास्टिक प्रदूषण की वैश्विक समस्या के समाधान के साथ ही, लोगों को रोजगार प्रदान करने के एक माध्यम के तौर पर देखते हैं। 

वनाग्नि से जंग लड़, बैतूल के युवा आदिवासी बचा रहे हैं जंगल और आजीविका

Forest Fires in Betul
BySanavver Shafi

बैतूल के आदिवासियों ने जंगल में लगने वाली आग को रोकने के लिए अपने वनोपज संग्रहण करने के तरीकों में भी बदलाव किया है और इस प्रयास का असर भी हुआ है वर्ष 2021 की तुलना में आग लगने की घटनाएं 90 फीसदी तक कम हुई हैं।

एमपी के मंडला से विलुप्त होती रामतिल, मिलेट मिशन पर सवाल खड़े करती है

Ramtil Niger Mandla

रामतिल को मंडला के स्थानीय लोग जगनी बुलाते हैं। इस अनाज का उपयोग खाद्य तेल, आहार, पेंट, और साबुन उद्योग में भी किया जाता है। लेकिन मंडला के किसान अब रामतिल की खेती छोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत में भी पिछले तीन दशकों में रामतिल का उत्पादन लगातार घटा है।

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