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जबलपुर में पहले काटे बेतहाशा पेड़ अब रिकॉर्ड बनाने लगाए जा रहे पौधे

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जबलपुर में पहले काटे बेतहाशा पेड़ अब रिकॉर्ड बनाने लगाए जा रहे पौधे
जबलपुर में पहले काटे बेतहाशा पेड़ अब रिकॉर्ड बनाने लगाए जा रहे पौधे

जबलपुर नगर निगम, शहर के अलग-अलग हिस्से में 12 लाख पेड़ों का वृक्षारोपण करने जा रहा है। नगर निगम के अनुसार इस पूरी परियोजना में 8 करोड़ से अधिक का खर्च आने वाला है। इस प्रोजेक्ट के तहत जून से सितंबर के दरमियान 1 लाख और दशहरा और दिवाली के बीच 11 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है।

पहले काटे अब लगा रहे हैं 

हालांकि जबलपुर में पिछले कई सालों से चले आ रहे फ्लाईओवर व अन्य निर्माण कार्यों के चलते कई पेड़ों की कटाई हुई है। इसके अलावा जबलपुर ने इस वर्ष भीषण गर्मी का सामना किया है। आइये जानते हैं कि कैसा है जबलपुर का ग्रीन कवर और क्या ये वृक्षारोपण जबलपुर की आब-ओ-हवा सुधारने के लिए पर्याप्त साबित होंगे। 

जबलपुर में क्षेत्रफल के कुल 6 फीसदी हिस्से में ही फॉरेस्ट कवर है। इसमें घने वन सिर्फ 40.26 हेक्टेयर ही हैं।चिंताजनक बात यह है कि, जबलपुर का फॉरेस्ट कवर पिछले वर्षों के मुक़ाबले 12 फीसदी से भी अधिक घटा है।

पिछले 23 सालों में जबलपुर ने 376 हेक्टेयर यानी लगभग 4.2 फीसदी ग्रीन कवर खोए हैं, जो कि लगभग 185 किलो टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के बराबर है। इसके अलावा इस पूरे ग्रीन कवर का एक प्रतिशत से भी कम हिस्सा वो है, जो पिछले 23 सालों में वृक्षारोपण के माध्यम से उपजा हो। ये तथ्य जबलपुर में अब तक हुए वृक्षारोपण की हकीकत बयां करता है। 

 

जबलपुर के कई ऐसे इलाके हैं जहां हरियाली न के बराबर हैं। मसलन मदन महल, रद्दी चौकी, राइट टाउन, इत्यादि जबलपुर के ऐसे क्षेत्र हैं जहां सीमित मात्रा में ही वन मौजूद हैं, और निर्माण कार्यों की धारा लगातार इन्हीं क्षेत्रों से बह रही है। वहीं दूसरी ओर सिविल लाइन्स, रामपुर, विजय नगर जैसे इलाके हैं जहां अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में पेड़ हैं। इन इलाकों में आमतौर पर बड़े अधिकारियों के दफ्तर और बंगले हैं। 

इस वर्ष मई के महीने में जबलपुर का औसत तापमान 41 डिग्री के लगभग रहा है। जबलपुर शहर में बढ़ा हुआ तापमान सीमित ग्रीन कवर का सीधा परिणाम माना जा सकता है। इस वर्ष हीटवेव के प्रकोप को देखते हुए जबलपुर निगम ने महत्वपूर्ण मार्गों में बड़ी-बड़ी डिफॉगर मशीनें भी लगाई थीं, ताकि नागरिक चिलचिलाती धूप में थोड़ी राहत पा सकें। 

हालांकि जबलपुर नगर निगम ने इस बार वृक्षारोपण के लिए एक सुनियोजित योजना बनाई है। इसके तहत शहर में वाल्मीकि पद्धति के तहत वृक्षारोपण किया जाएगा, जिसमें 3 साल के भीतर ही बड़े वृक्ष तैयार हो जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया में सामाजिक संस्थाओं और आम नागरिकों की मदद ली जाएगी। इसके अलावा वृक्षों को लगाने के बाद लगातार CCTV कैमरों द्वारा इनकी निगरानी भी करेगी।

जबलपुर नगर इस वृक्षारोपण अभियान को गिनीज बुक में भी ले के जाने की बात कर रहा है। हालंकि ये वक्त के साथ ही पता चलेगा कि इनमे से कितने पौधे पनप कर वृक्ष कि शक्ल ले पाते हैं, और आने वाली गर्मियों में जबलपुर को डिफॉगर मशीन की जरूरत पड़ती है या नहीं।        

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  • Journalist, focused on environmental reporting, exploring the intersections of wildlife, ecology, and social justice. Passionate about highlighting the environmental impacts on marginalized communities, including women, tribal groups, the economically vulnerable, and LGBTQ+ individuals.

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