सिर्फ साल 2020 में ही पेंच में 17 मानव-शेर संघर्ष देखने को मिले थे, जिसमें 6 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ग्रो-ट्रीज नाम की संस्था इसी मुद्दे को केंद्र में रखते हुए पेंच के जंगलों से लगे एक गांव में ट्रीज फॉर टाइगर्स नाम का प्रोजेक्ट चला रही है।
पिछले दो सालों में सुंदरम ने पूरे देश की 14,000 किलोमीटर से अधिक की साइकिल से यात्रा की। इस दौरान सुंदरम ने 18,322 स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, और गांवों में 2 लाख से भी अधिक वृक्षारोपण किये हैं।
आज दुनिया भर में कम होते वन और वनों के लिए उपलब्ध जमीन एक वैश्विक चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा और वनीकरण को एक साथ साधने के कई प्रयास किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम और हरदा जिले में भी एक ऐसा ही प्रयोग देखने को मिला है।
बीते दिनों इंदौर में सीएम राइज स्कूल, और स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के निर्माण के लिए मल्हार आश्रम के कई पेड़ों को प्रशाशन द्वारा काट डाला गया है। इनमें से कई 40 से 80 साल पुराने पेंड़ भी थे, और कटे हुए पेड़ों की संख्या 100 के तकरीबन की बताई जा रही है।
जबलपुर नगर निगम, जबलपुर शहर के अलग-अलग हिस्से में 12 लाख पेड़ों का वृक्षारोपण करने जा रहा है। नगर निगम के अनुसार इस पूरी परियोजना में 8 करोड़ से अधिक का खर्च आने वाला है।
रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और शहरी विकास मंत्री, कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में 20 करोड़ की लागत से 51 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य बनाया है। वहीं इंदौर से 120 मील दूर भोपाल में शहरी विकास के नाम पर 29 हजार पेड़ काटे जा रहे हैं।
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