पन्ना जिले के गांधीग्राम में पत्थर खदानों में काम करने वाले मजदूर सिलिकोसिस की बीमारी से पीड़ित हैं। तिरसिया बाई ने इससे अपने ससुर व पति को मरते देखा है। मगर सरकार के पास इसके लिए न कोई स्पष्ट आंकड़ा है न इलाज का कोई तरीका।
In rural areas, confusion surrounding snakebite treatment often leads people to rely on witchcraft and traditional remedies, delaying vital medical care. To reduce snakebite-related deaths, the health department must strengthen public trust.
बुंदेलखंड में मिट्टी, पत्थर और पसीने से पांच कुएं गढ़ चुके दीपचंद-गौराबाई की कहानी सिर्फ पानी की नहीं, जज़्बे की है। बुढ़ापे की कमर झुकी है, पर उम्मीद अब भी सीधी खड़ी है—कुएं से नहीं, सरकार से प्यास बुझने की आस है।
बुंदेलखंड के आदिवासी बच्चों की शिक्षा पलायन के दुष्चक्र में फंस गई है। गरीबी, रोजगार की कमी और कमजोर स्कूल सिस्टम के चलते बच्चे पढ़ाई छोड़ मजदूरी को मजबूर हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी यही सिलसिला जारी है।
साल 2025 में टीकमगढ़ जिले के गांवों में पानी का इंतजाम किया जाना था। लेकिन 102 गांवों में बोरबेल करने के बाद पानी न मिलने से योजनाएं बीच में ही अटक गई हैं। इसके चलते लोगों को गर्मियों में पानी के इंतजाम में मशक्कत करनी पड़ सकती है।
टीकमगढ़ जिले में चंदेलकालीन सैल सागर तालाब पर लोग कब्जा कर पक्के मकानों का निर्माण कर रहे हैं। इसे लेकर स्थानीय लोग कब्जा हटाने की मांग कर रहे थे। लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। हाल में आए नए कलेक्टर से लोग कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में निजी निवेशक किसानों के साथ कान्ट्रेक्ट फाॅर्मिंग कर चुकंदर का उत्पादन करेंगे। जिसके साथ ही एक सुगर प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसमें चुकंदर से चीनी बनाई जाएगी। इससे लिक्विड फाॅर्म में भी सुगर का निर्माण किया जाएगा।
जल सहेलियां जल सुरक्षा के एजेंडे को आगे बढ़ाने, लोगों को जागरूक करने जैसी प्रक्रियाओं सहित जल अधिकारों और उनके सामूहिक दावे की दिशा में काम करने की ज़िम्मेदारी निभाती हैं।
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