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मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव चंदेलकालीन तालाबों को सुरक्षित करने की बात कर रहे हैं। लेकिन टीकमगढ़ जिले में कलेक्ट्रेट के पास सैल सागर तालाब पर अतिक्रमण लगातार जारी है। इस अतिक्रमण को लेकर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अमित नुना ने प्रशासन से कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई है।
इससे पहले अमित ने कैबिनेट मंत्री व सांसद वीरेन्द्र को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी थी। साथ ही इसकी सफाई की मांग भी की थी। सैल सागर तालाब के चारों ओर लोग के द्वारा के पक्के मकान बनाकर कब्जा किया जा रहा है। कुछ लोग इन मकानों में रह भी रहे हैं। बीते सोमवार को जिला मुख्यालय में हुई बैठक में जिला अधिकारी विवेक श्रोत्रिय ने अधिकारियों को तालाब से कब्जा हटाने के लिए निर्देश दिए थे।
टीकमगढ़ में सैल सागर तालाब के अलावा कई चंदेलकालीन तालाब है जो भूजल का स्तर बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाते हैं। लेकिन इस प्रकार हो रहे कब्जों की वजह से भूजल रिचार्ज प्रभावित हो सकता है और गर्मियों में पानी की कमी देखने को मिल सकती है। स्थानीय लोग तालाब पर कब्जा करने वालों पर कार्यवाही की मांग कर मांग कर रही हैं। इस मसले पर भाजपा जिलाध्यक्ष सरोज राजपूत कहती हैं,
अमित पहले शिकायत दर्ज करा चुके हैं। कोई रिजल्ट सामने नहीं आया है। अब नए कलेक्टर से कब्जा हटाने की मांग की है। अगर वे भी न कर पाए तो मुख्यमंत्री मोहन यादव से कार्यवाही की मांग करूंगी।
इस पर टीकमगढ़ में हाल ही में आए नए कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय बताते हैं
तालाबों को लेकर राजस्व की बैठक में मैंने अधिकारियों को तालाबों पर फैले अतिक्रमण हटाकर दोषियों पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए हैं।
बुंदेलखंड और विशेषतः टीकमगढ़ जैसे जिलों में पेयजल की समस्या अब किसी के लिए नई नहीं हैं। ऐसी स्थिति में जल स्त्रोतों की स्थिति में उठने वाले प्रश्नचिन्ह इस समस्या की गंभीरता को और भी बढ़ा देते हैं। इसके अलावा ये तालाब टीकमगढ़ की चंदेलकालीन धरोहर भी है। हालांकि के कलेक्टर की आश्वाशन के बाद क्या कार्रवाइयां होती हैं, और उनके क्या नतीजे निकलते हैं, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा।
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