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टीकमगढ़ में बनेगी चुकंदर से चीनी, कांट्रेक्ट फार्मिंग के ज़रिए किया जाएगा उत्पादन

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टीकमगढ़ में बनेगी चुकंदर से चीनी, कांट्रेक्ट फार्मिंग के ज़रिए किया जाएगा उत्पादन
टीकमगढ़ में बनेगी चुकंदर से चीनी, कांट्रेक्ट फार्मिंग के ज़रिए किया जाएगा उत्पादन

टीकमगढ़ में किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर दिल्ली के निवेशक चुकंदर की खेती करने की योजना बना रहे हैं। इसी चुकंदर से शक्कर बनाने के लिए 50 करोड़ की लागत एक प्लांट भी स्थापित किया जाएगा। बाद में इसके निवेश को 50 करोड़ से 100 करोड़ तक लेकर जाया जाएगा। चुकन्दर पूरे विश्व में चीनी बनाने के लिए नए विकल्प के तौर पर सामने आया है। इससे गन्ने के उत्पादन में होने वाली पानी की खपत को भी कम किया जा सकता है।

दिल्ली के निवेशक देवव्रत शर्मा शुरुआती समय में 50 एकड़ में चुकंदर की कान्ट्रेक्ट फाॅर्मिंग करने वाले हैं। इसके बाद जिले के अन्य किसानों को भी चुकंदर की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। चुकंदर की खेती रबी सीजन में ही की जाती है। अक्टूबर में बुआई करने पर फरवरी तक फसल तैयार हो जाती है। ज्यादातर टीकमगढ़ इलाके में गेहूं, चना, मटर और सरसों की ही फसल उगाई जाती है।

निवेशक देवव्रत शर्मा बताते हैं 

“अभी देश में 80 प्रतिशत चीनी गन्ने से 20 प्रतिशत चीनी चुकंदर से तैयार की जा रही है”

इससे गन्ने के उत्पादन पर निर्भरता कम होगी। चुकंदर से चीनी तैयार करने का प्लान बनाकर शर्मा ने मध्य प्रदेश के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। उद्योग विभाग के महाप्रबंधक राजशेखर पांडे का कहना है कि चीनी के अलावा इसे लिक्विड फाॅर्म में तैयार कर एक्सपोर्ट भी किया जाएगा। इससे किसानों के अलावा प्लांट में लगभग 50 लोगों को रोजगार मिलने की सम्भावना है।

फिलहाल भारत में वित्तीय बर्ष 2023-24 में 3.4 करोड़ मैट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ है। जो विश्व में हो रहे कुल उत्पादन का 18 प्रतिशत है। अगर बात करें गन्ने की तो उसे उगाने के लिए प्रतिमाह 150 से 250 मिमी के बीच पानी चाहिए होता है। जबकि चुकंदर को 100 से 160 मिमी पानी में ही उगाया जा सकता है। तब पानी के उपयोग के नजरिए से चुकंदर की फसल टीकमगढ़ जैसे क्षेत्र के लिए सही है।

इसके अलावा चुकंदर को बंजर और ऊसर भूमि में भी उगाया जा सकता है। इसकी खेती से जमीन की उर्वरा क्षमता बढ़ती है। जहां एक टन गन्ने से मात्र 100 किग्रा ही सफेद चीनी बनाई जा सकती है। वहीं एक टन चुकंदर से लगभग 140 किग्रा चीनी का उत्पादन किया जा सकेगा। मध्य प्रदेश में गन्ने का औसतन प्रति कुंतल रेट 400 है तो चुकंदर का 1200 रहता है। चुकंदर की खेती और उससे चीनी बनाने को भारत में किसानों की आय बढ़ाने और पानी का दोहन कम करने के एक उपाय के तौर पर देखा जा रहा है।

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  • Shishir identifies himself as a young enthusiast passionate about telling tales of unheard. He covers the rural landscape with a socio-political angle. He loves reading books, watching theater, and having long conversations.

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