Tribals living around the forests of Madhya Pradesh are dependent for income on the minor forest produce (Mahua, Chironji, Tendupatta etc.), but the changing weather patterns affect the forest produce.
मप्र के जंगलों के आसपास बसे आदिवासियों की आमदनी का सुनिश्चित जरिया लघु वनोपज (महुआ, चिरौंजी, तेंदुपत्ता आदि) है, जोकि उन्हें साल के छह माह आदमनी देते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से बदलती जलवायु का असर वनोपज पर भी पड़ रहा है.
इस साल भी 10 चीतों की खेप आने की योजना हैं, इन चीतों को मध्य प्रदेश के ही नीमच और मंदसौर जिले की सीमा में बने गांधी सागर वन अभयारण्य में बसाया जाना है।
भोपाल नगर निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ शाखा ने नेहरु नगर से पुराने भदभदा पुल के बीच एफटीएल के 50 मीटर दायरे में आने वाले निर्माण को हटाने की कार्रवाई शुरु कर दी है।
मध्य प्रदेश को वीरांगना दुर्गावती के रूप में 7वां नया टाइगर रिज़र्व मिल गया है। यह टाइगर रिज़र्व नौरादेही अभ्यारण और प्रदेश के सबसे छोटे अभ्यारण वीरांगना रानी दुर्गावती को मिलाकर बनाया हैं।