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Sanavver Shafi

Based in Bhopal, this independent rural journalist traverses India, immersing himself in tribal and rural communities. His reporting spans the intersections of health, climate, agriculture, and gender in rural India, offering authentic perspectives on pressing issues affecting these often-overlooked regions.

गांधी सागर से तेंदुओं का स्‍थानांतरण: चीतों को बसाने की तैयारी या जंगल के संतुलन को खतरा!

By Sanavver Shafi

गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए तेंदुओं का स्थानांतरण किया जा रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञ इसे पारिस्थितिक संतुलन के लिए खतरा मानते हैं। उनके अनुसार तेंदुओं को हटाने के बजाए प्रशासन को शिकार आधार बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।

40 फीसदी बिगड़े वन निजी कंपनियों को देने से आदिवासियों का क्‍या होगा?

By Sanavver Shafi

वनों के निजीकरण की योजना को वन विभाग ने अपग्रेड करने के उद्देश्‍य से अपनी वेबसाइट पर एक संशोधित ड्राफ्ट प्रस्‍तुत किया है। विभाग ने संशोधित योजना को राज्‍य में लागू करने का समय मार्च 2025 तक निर्धारित किया है। 

आदिवासी बनाम जनजातीय विभाग: ऑफलाइन नहीं ऑनलाइन ही होगी सुनवाई

By Sanavver Shafi

मध्‍य प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के तहत दावों की सुनवाई को लेकर आदिवासी समुदाय और जनजातीय विभाग के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। यह विवाद त‍ब और गहरा गया जब राज्‍य सरकार ने सुनवाई को ऑनलाइन मोड में ही करने का फैसला लिया।

"जंगल की ज़मीन सरकार की संपत्ति नहीं" किस अधिकार से निजी कंपनियों को दी जाएगी लीज़?

By Sanavver Shafi

जब जंगल की जमीनें सामुदायिक निस्‍तार के प्रयोजन के लिए आरक्षित हैं तो ऐसे में वन विभाग वह ज़मीन किसी भी प्राइवेट कंप‍नी को लीज़ पर कैसे दे सकता है? 

वन मित्र पोर्टल बन रहा आदिवासियों के अधिकारों की अस्‍वीकृति का कारण

By Sanavver Shafi

MOTA ने पत्र में लिखा है कि क्‍या समुदायों को वन मित्र पोर्टल और एप के उपयोग किए आवश्‍यक प्रशिक्षण दिया गया है और क्‍या आदिवासी समुदाय ऑनलाइन दावे दर्ज करने में सक्षम हैं।

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