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Sanavver Shafi

Based in Bhopal, this independent rural journalist traverses India, immersing himself in tribal and rural communities. His reporting spans the intersections of health, climate, agriculture, and gender in rural India, offering authentic perspectives on pressing issues affecting these often-overlooked regions.

बदलती जलवायुः वनोपज पर असर, आदिवासियों की आजीविका पर गहराया संकट

By Sanavver Shafi

मप्र के जंगलों के आसपास बसे आदिवासियों की आमदनी का सुनिश्चित जरिया लघु वनोपज (महुआ, चिरौंजी, तेंदुपत्ता आदि) है, जोकि उन्हें साल के छह माह आदमनी देते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से बदलती जलवायु का असर वनोपज पर भी पड़ रहा है.

चीतों का नया बसेरा 'गांधी सागर', ग्रामीणों की आजीविका और मवेशियों के लिए भूखमरी का सबब!

By Sanavver Shafi

इस साल भी 10 चीतों की खेप आने की योजना हैं, इन चीतों को मध्य प्रदेश के ही नीमच और मंदसौर जिले की सीमा में बने गांधी सागर वन अभयारण्य में बसाया जाना है।

MP Elections 2023: भोपाल गैस कांड, 39 साल में एक बार भी नहीं बना चुनावी मुद्दा

By Sanavver Shafi

MP ELECTIONS 2023: कभी भी न तो राजनैतिक पार्टियों और न ही किसी राजनेता भोपाल गैस त्रासदी को चुनावी मुददा बनना बेहतर समझा हैं।

Cheetah Project: मादा चीता वीरा की तबीयत सुधरी बाकी चीते भी स्वस्थ

By Sanavver Shafi

वन महकमे ने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने की दोबारा से कार्य योजना तैयार की और इस कार्ययोजना के 15 चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया।

भदभदा बस्ती पर नहीं चलेगा भोपाल नगर निगम का बुल्डोज़र, हाईकोर्ट से मिला स्टे

By Sanavver Shafi

भोपाल नगर निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ शाखा ने नेहरु नगर से पुराने भदभदा पुल के बीच एफटीएल के 50 मीटर दायरे में आने वाले निर्माण को हटाने की कार्रवाई शुरु कर दी है।

वीरांगना दुर्गावती बना मध्य प्रदेश का सातवां टाईगर रिज़र्व, 52 गांव होंगे विस्थापित

By Sanavver Shafi

मध्य प्रदेश को वीरांगना दुर्गावती के रूप में 7वां नया टाइगर रिज़र्व मिल गया है। यह टाइगर रिज़र्व नौरादेही अभ्यारण और प्रदेश के सबसे छोटे अभ्यारण वीरांगना रानी दुर्गावती को मिलाकर बनाया हैं।

नहीं लिया सबक, पहले भानपुर खंती से पात्रा नदी बनी पात्रा नाला, अब अजनाल की बारी

By Sanavver Shafi

लैंडफिल साईट का वैज्ञानिक तरीके से रखरखाव न हो तो इसके आसपास की हवा और जल के प्रदूषित होने का खतरा रहता है यह अजनाल नदी से समझा जा सकता है।

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