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Sanavver Shafi

Based in Bhopal, this independent rural journalist traverses India, immersing himself in tribal and rural communities. His reporting spans the intersections of health, climate, agriculture, and gender in rural India, offering authentic perspectives on pressing issues affecting these often-overlooked regions.

शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

Save Shahabad Forest
BySanavver Shafi

राजस्‍थान के बाड़मेर जिले में स्थित शाहबाद जंगल में प्रस्‍तावित हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट के लिए 4,28,600  पेड़ों की कटाई की योजना बनाई गई है। जिससे चीता गलियारे को खतरा पैदा हो गया है।

ग्राउंड रिपोर्ट इंपैक्ट: वन मित्र पोर्टल पर सुनवाई का रास्‍ता हुआ साफ

gr impact
BySanavver Shafi

7 अप्रैल को जारी पत्र (क्रमांक/93/प्र.स.जा.का.वि./2025) में विभाग ने हाइब्रिड माॅडल की घोषणा की है। इसके अनुसार अब दावों की सुनवाई ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होगी। 

गांधी सागर से तेंदुओं का स्‍थानांतरण: चीतों को बसाने की तैयारी या जंगल के संतुलन को खतरा!

Leopards kheoni gandhi sagar wildlife senctury
BySanavver Shafi

गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए तेंदुओं का स्थानांतरण किया जा रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञ इसे पारिस्थितिक संतुलन के लिए खतरा मानते हैं। उनके अनुसार तेंदुओं को हटाने के बजाए प्रशासन को शिकार आधार बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।

40 फीसदी बिगड़े वन निजी कंपनियों को देने से आदिवासियों का क्‍या होगा?

Tribals in Madhya Pradesh Village
BySanavver Shafi

वनों के निजीकरण की योजना को वन विभाग ने अपग्रेड करने के उद्देश्‍य से अपनी वेबसाइट पर एक संशोधित ड्राफ्ट प्रस्‍तुत किया है। विभाग ने संशोधित योजना को राज्‍य में लागू करने का समय मार्च 2025 तक निर्धारित किया है। 

आदिवासी बनाम जनजातीय विभाग: ऑफलाइन नहीं ऑनलाइन ही होगी सुनवाई

Baiga Tribe in Madhya Pradesh
BySanavver Shafi

मध्‍य प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के तहत दावों की सुनवाई को लेकर आदिवासी समुदाय और जनजातीय विभाग के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। यह विवाद त‍ब और गहरा गया जब राज्‍य सरकार ने सुनवाई को ऑनलाइन मोड में ही करने का फैसला लिया।

"जंगल की ज़मीन सरकार की संपत्ति नहीं" किस अधिकार से निजी कंपनियों को दी जाएगी लीज़?

Tribal woman collecting grass from the forest in Chhindwara Madhya Pradesh
BySanavver Shafi

जब जंगल की जमीनें सामुदायिक निस्‍तार के प्रयोजन के लिए आरक्षित हैं तो ऐसे में वन विभाग वह ज़मीन किसी भी प्राइवेट कंप‍नी को लीज़ पर कैसे दे सकता है? 

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