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Home Authors Chandrapratap Tiwari
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Chandrapratap Tiwari

Journalist, focused on environmental reporting, exploring the intersections of wildlife, ecology, and social justice. Passionate about highlighting the environmental impacts on marginalized communities, including women, tribal groups, the economically vulnerable, and LGBTQ+ individuals.

इंदौर में लगाए जाएंगे 51 लाख पौधे, कितने पेड़ काटे यह भी जान लें

By Chandrapratap Tiwari

रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और शहरी विकास मंत्री, कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में 20 करोड़ की लागत से 51 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य बनाया है। वहीं इंदौर से 120 मील दूर भोपाल में शहरी विकास के नाम पर 29 हजार पेड़ काटे जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश में सरकार को गेंहूं बेचने से क्यों कतरा रहा है किसान?

By Chandrapratap Tiwari

हिंदी | मध्यप्रदेश में सरकारी गेंहूं की खरीद उसके लक्ष्य से काफी कम रही है। जहां मध्यप्रदेश का लक्ष्य 80 लाख टन गेंहूं की खरीद का था वो 18 मई तक 47.2 लाख टन तक ही पहंच पाई है।

'रणथंभौर में गर्मी से 3 सांभर हिरण का मरना कोई सामान्य घटना नहीं है'

By Chandrapratap Tiwari

सांभर की जीभ इतनी खास होती है कि वो पेड़ की छाल को चाट कर उससे पानी ले लेता है। उसी सांभर का डिहाइड्रेशन और सनस्ट्रोक से मरना चिंताजनक है और हम सब के लिए एक चेतावनी है, जो क्लाइमेट चेंज के बड़े खतरे के रूप में  नजर आ रही है।   

नौरादेही अभ्यारण में चौसिंगा का दिखना एक दुर्लभ घटना क्यों है?

By Chandrapratap Tiwari

बीते दिनों मध्यप्रदेश के नौरादेही अभ्यारण्य जिसे अब रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाता है, में एक दुर्लभ मृग चौसिंगा देखने को मिला। यह जीव अपने अकार, रूप, सींग, और अब अपनी घटती संख्या को लेकर दुनिया भर में विख्यात है।

दूसरी बार पर्यावरण मंत्री बने भूपेंद्र यादव के सामने क्या हैं चुनौतियां?

By Chandrapratap Tiwari

अलवर से चुने गए सांसद भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) को एक बार फिर से मोदी सरकार में देश के पर्यावरण और वनों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईये समझते हैं उनके सामने कौनसी चुनौतियां होंगी।

दुर्लभ देसी पौधों की प्रजातियों को बचा रहे पुणे के यह युवा

By Chandrapratap Tiwari

पुणे (Pune) के भोलेश्वर और सुहास दोनों मल्टीपल शिफ्ट्स करने के बाद भी पौधे लगाते हैं। भोलेश्वर कई विलुप्त हो रहे स्थानीय पौधों की नर्सरी तैयार करते हैं और उन्हें महाराष्ट्र और देश के अलग अलग कोनों तक पहुंचाते हैं

गढ़वाल लोकसभा सीट पर जोशीमठ नहीं बना पाया मुद्दा, बीजेपी ने जीता चुनाव

By Chandrapratap Tiwari

उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) ने पिछले कुछ सालों के दरमियान बड़ी प्राकृतिक आपदाएं झेलीं हैं। इसके बाद भी गढ़वाल लोकसभा जिसके अंतर्गत जोशीमठ आता है वहां यथास्थिति कायम है। आज के लोकसभा नतीजों में भी गढ़वाल में भाजपा को ही जीत मिली है।

क्या हसदेव बचाओ आंदोलन की वजह से कोरबा सीट हार गई बीजेपी?

By Chandrapratap Tiwari

हसदेव अरण्य (Hasdeo Aranya) छत्तीसगढ़ के 1 लाख 70 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ विशाल जंगल है। हसदेव की जनता भाजपा, और कांग्रेस दोनों के शासन की गवाह रही है, और हसदेव पर संकट लगातार बना रहा है।

लद्दाख में सोनम वांगचुक के विरोध प्रदर्शन का चुनावी नतीजों पर दिखा असर, भाजपा हारी

By Chandrapratap Tiwari

लोकसभा चुनावों के ठीक पहले सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने एक लंबा अनशन किया था। इसका असर लोकसभा चुनावों के नतीजों में दिखाई पड़ रहा है। लद्दाख से निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा (Mohammad Haneefa) जीत चुके हैं। 

#SaveBuxwahaForest आंदोलन का नहीं हुआ लोकसभा चुनाव के नतीजों पर असर

By Chandrapratap Tiwari

2021 में सरकार ने हीरे के खनन के लिए 2 लाख से अधिक पेड़ों को की तैयारी कर ली थी। उस दौरान इस क्षेत्र के सांसद भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा थे, जो इस बार भी भाजपा की ओर से उम्मीदवार हैं, और 5 लाख से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं।

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