बीते दिनों मध्यप्रदेश के सिवनी जिले की एक आद्रभूमि दल सागर तालाब एनजीटी की जांच के दायरे में आई। एनजीटी की सुनवाइयों के दौरान सिवनी जिले को लेकर एक तथ्य सामने आया कि, अभी तक सिवनी में एक भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मौजूद नहीं है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की अनुपस्थिति के चलते नालों का पानी दल सागर तालाब में पहुंच रहा है, जिससे तालाब के स्वास्थ में भारी क्षति भी पहुंची है। यह स्वाभाविक सी बात है कि, अगर अनुपचारित सीवेज दल सागर को नुकसान पहुंचा सकता है, तो यह शहर के अन्य जल स्त्रोतों और नागरिकों को भी प्रभावित करेगा।
अनुपचारित सीवेज पहुंचा रहा है सिवनी के जल स्रोतों को नुकसान
साल 2021 में एनजीटी के आदेश के तहत, सिवनी कलेक्टर की ओर से मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक पत्र लिखा गया था। यह पत्र सिवनी जिले के लिये जिला पर्यावरण योजना बनाने के बाबत लिखा गया था। इस पत्र में उल्लेख था कि शहर से दिन भर में 94 मीट्रिक टन ठोस मल, और और 9.5 MLD औद्योगिक दूषित जल निकलता है। इसके अलावा तकरीबन 17.5 MLD घरेलू सीवेज निकलता है जो शत प्रतिशत अनुपचारित रह जाता है।
बेनगंगा और छपारा नदी का एक हिस्सा प्रदूषित
सिवनी जिले में दो प्रमुख नदियां बेनगंगा और हीरी आतीं हैं। इन नदियों के अतिरिक्त शहर में 15 तालाब भी हैं। इन सभी जल स्रोतों में शहर के 4 नालों से प्रदूषित मल पहुंचता है। इस पत्र में स्वीकारा गया है कि बेनगंगा और छपारा नदी का एक हिस्सा प्रदूषित भी हो सकता है। पत्र में बताया गया है कि बेनगंगा नदी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है। हालांकि इस एक्शन प्लान से संबंधित अन्य जानकारियां हमें नहीं मिली हैं।
तीन साल में शुरू नहीं हो पाया प्लांट का निर्माण
पत्र में उल्लेख किया गया था कि शहर में कुल 3 (सिवनी, लखनादौन, और बरघाट में) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने हैं। इन प्लांट का 31 दिसंबर 2026 तक पूरा होने की अपेक्षा की गई है। इस संबंध में हमने सिवनी जिले के सीएमओ राम कुमार कुरवेती से संपर्क किया। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर सिवनी सीएमओ ने कहा कि,
"सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए प्रस्ताव तैयार करके हमने एसडीएलसी के पास भेज दिया है। जैसे ही यह प्रस्ताव स्वीकृत होगा, टेंडर निकलने शुरू हो जाएंगे। 10-15 दिनों में इस काम के शुरू होने की उम्मीद है। "
सितंबर 2021 से अब ठीक 3 वर्ष पूरे होने को आ गए हैं। अभी तक सिवनी जिले में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया प्रस्ताव तक ही रुकी है। दूषित सीवेज के दल सागर में मिलने की वजह से, एनजीटी ने नगर पालिका पर 4 करोड़ 80 लाख का हर्जाना भी लगाया है। इस बीच दल सागर के अतिरिक्त सिवनी के अन्य जल स्त्रोतों में भी अनुपचारित सीवेज की वजह से कितना प्रदूषण फैला है यह विवेचना का विषय है।
आपको एक बात और बता दें कि सिवनी प्रशासन दलसागर में करोड़ों रुपए खर्च कर तेज़ी से सौंदर्यीकरण का काम करवा रहा है। लेकिन दल सागर को प्रदूषण से बचाने के लिए एसटीपी निर्माण में देरी की जा रही है। जहां जल को प्रदूषण मुक्त करना प्राथमिकता होना चाहिए वहां कंक्रीट के निर्माण को अहमियत दी जारी है। बड़ी बात यह की एनजीटी ने इस कंक्रीटीकरण पर रोक लगाई है, क्योंकि यह पर्यावरण के नियमों के खिलाफ हो रहा निर्माण था।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट विस्तार से
सिवनी के दलसागर तालाब में पर्यावर्णीय नियमों के खिलाफ सौंदर्यीकरण
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