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Home Authors Chandrapratap Tiwari
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Chandrapratap Tiwari

Journalist, focused on environmental reporting, exploring the intersections of wildlife, ecology, and social justice. Passionate about highlighting the environmental impacts on marginalized communities, including women, tribal groups, the economically vulnerable, and LGBTQ+ individuals.

ग्वालियर संभाग के वेटलैंड्स बुरे हाल में, साख्य सागर की सेहत भी खराब

By Chandrapratap Tiwari

ग्वालियर संभाग की कई आद्रभूमियां आक्रामक जलीय पौधे के शिकंजे में हैं। ये न सिर्फ जल की गुणवत्ता को गिरा रहा है बल्कि यह इसमें आश्रय प्राप्त प्रजतियों को भी नुकसान पहुंचा रहा है।

भोपाल संभाग में भोज को छोड़ किसी भी वेटलैंड का नहीं बना मैनेजमेंट प्लान

By Chandrapratap Tiwari

भोपाल संभाग की आद्रभूमियों में जल की खराब गुणवत्ता, आक्रामक मैक्रोफाइट्स और प्रबंधन की कमी से जैव विविधता और पारिस्थितिकी पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं।

उज्जैन की क्षिप्रा नदी में बेइंतहा प्रदूषण के क्या हैं कारण?

By Chandrapratap Tiwari

क्षिप्रा की मुख्य समस्याएं प्रदूषण और उसका संकरा होता जल ग्रहण क्षेत्र है। कुछ दस्तावजों के अनुसार क्षिप्रा की स्थिति 1996 के बाद बिगड़नी शुरू हुई, और ये अभी तक बिगड़ती ही चली आ रही है। बारामासी नदी क्षिप्रा का पानी अब बरसात के 6-8 महीने बाद ही सूख जाता है

बुधनी मिडघाट: वन क्षेत्र में ट्रेन की तेज़ रफ्तार ले रही बाघों की जान

By Chandrapratap Tiwari

भारत भर में टाइगर स्टेट का तमगा लिए मध्यप्रदेश राज्य से एक और बाघ शावक की मृत्यु की खबर आई है। सोमवार 15 जुलाई को मिडघाट के पास एक ट्रेन की चपेट में आने की वजह से 1 शावक की मृत्यु हो गई है, और 2 अन्य शावक घायल हो गए हैं

कैसे मिलता है किसी वेटलैंड को रामसर साईट का दर्जा?

By Chandrapratap Tiwari

भारत में वर्तमान में 82 रामसर साइट है। इन स्थलों के साथ भारत भारत मेक्सिको और यू.के. के बाद दुनिया भर में तीसरे स्थान पर आता है। आज से 10 वर्ष पहले भारत में मात्र 26 रामसर साइट हुआ करतीं थीं, जो इस दौर में बढ़ कर 82 हो गई हैं।

मध्यप्रदेश में मूंग खरीद को लेकर किसान क्यों था सरकार से नाराज़?

By Chandrapratap Tiwari

मध्यप्रदेश के हरदा पिछले एक सप्ताह से किसान सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हुए थे। ये किसान सरकार की 2024 की मूंग नीति से नाराज चल रहे थे। हालांकि अब सरकार ने किसानों की मांगें मान ली हैं, और किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया है।

भारत में Waste to Energy प्लांट्स बंद क्यों हो रहे हैं?

By Chandrapratap Tiwari

भारत में 132.1  मेगावाट की क्षमता के 11 Waste to Energy प्लांट काम कर रहे हैं, जो की प्रति दिन 11,000 टन कचरा प्रोसेस कर सकते हैं। भविष्य में सरकार ऐसे प्लांट्स की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है।

Swachh Survekshan 2024 का तीसरा फेज़ शुरु, कितनी पार्दर्शी प्रक्रिया?

By Chandrapratap Tiwari

Swachh Survekshan 2024 में कुल 4800 से अधिक शहरों को शामिल किया जा रहा है, और इसमें कुल 9500 अंक में सर्वेक्षण किया जाएगा। इस बार के सर्वेक्षण की थीम आर आर आर (रिड्यूस, रियूज, और रिसाइकल) रखी गई है।

DAVV इंदौर से संबंद्ध कॉलेजों में 30 फीसदी क्षेत्र में हरियाली ज़रुरी

By Chandrapratap Tiwari

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) ने पर्यावरण की बहाली के तहत नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के अंतर्गत कॉलेजों को अपने परिसर का हिस्सा ग्रीन कैंपस के रूप में विकसित करना पड़ेगा।

मिलिए वर्षा जल संचय के अनोखे तरीके खोजने वाले सुभाजित मुखर्जी से

By Chandrapratap Tiwari

'मिशन ग्रीन मुंबई' के संस्थापक सुभाजित मुखर्जी वर्षा जल संचयन को लेकर एक अभियान चलाते हैं। सुभाजित मुंबई व देश के अन्य स्थानों जल संचय को लेकर जागरुकता फैलाते हैं व इसके उपकरण लगवाते हैं।

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