Powered by

Advertisment
Home हिंदी #SaveBuxwahaForest आंदोलन का नहीं हुआ लोकसभा चुनाव के नतीजों पर असर

#SaveBuxwahaForest आंदोलन का नहीं हुआ लोकसभा चुनाव के नतीजों पर असर

2021 में सरकार ने हीरे के खनन के लिए 2 लाख से अधिक पेड़ों को की तैयारी कर ली थी। उस दौरान इस क्षेत्र के सांसद भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा थे, जो इस बार भी भाजपा की ओर से उम्मीदवार हैं, और 5 लाख से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं।

ByChandrapratap Tiwari
New Update
buxwaha

Source: X(@parisarpune)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

देश का बुंदेलखंड का क्षेत्र अरसे से अपने सूखे की समस्या के लिए कुख्यात रहा है। ऐसी स्थिति में भी 2021 में सरकार ने हीरे के खनन के लिए 2 लाख 15 हजार से अधिक पेड़ों को की तैयारी कर ली थी। हालांकि सरकार के इस फैसले का खासा विरोध भी हुआ था। आम लोगों के साथ 50 से अधिक संस्थाओं ने इसका विरोध किया था और कई दिनों तक 'सेव बक्सवाहा फारेस्ट' सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा। उस दौरान इस क्षेत्र के सांसद भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा थे, जो इस बार भी भाजपा की ओर से उम्मीदवार हैं, और 5 लाख से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं। 

Advertisment

दरअसल सरकार ने 3.42 कैरट के हीरों के लिए 382.131 हेक्टेयर के विशाल जंगल को काटने का आदेश दे दिया था। इस जमीन पर जब वन विभाग ने पेड़ों की गिनती की तब 2 लाख 15 हजार 875 स्वदेशी नस्ल के पेंड़ काटे जाएंगे। बक्सवाहा (Buxwaha) में 62.64 हेक्टेयर का क्षेत्र खनन के लिए चिन्हित किया गया था। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड तकरीबन 2500 करोड़ रपये खर्च करने जा रही थी। 

हालांकि लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद ये मामला न्यायालय के सामने गया। एनजीटी (NGT) की भोपाल पीठ ने इस कटाई पर रोक लगा दी। लेकिन बुंदेलखंड पर से अभी ये खतरा टला नहीं हैं। इस क्षेत्र में हीरे के खनन की पर्याप्त गुंजाईश मौजूद है, और ये क्षेत्र अभी भी जल पानी की समस्या से जूझ रहा है। 

खजुराहो लोकसभा से वी.डी. शर्मा की यह बड़ी बढ़त बताती है कि और भी कई फैक्टर हो सकते हैं, जिनके सामने बुंदेलखंड की जल समस्या और बक्सवाहा के जंगलों जैसे बड़े मुद्दे गौण हो गए हैं।   

Advertisment

यह भी पढ़ें

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।