मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नर्सिंग कॉलेज (Nursing Scam) घोटाले की रोज नई गिरहें खुल रहीं हैं। यह मामला लंबे समय से न्यायालय में है। जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई (CBI) द्वारा की गई थी। रिपोर्ट में बताई गई अनियमितताओं के बिनाह पर पर प्रदेश सरकार ने 66 नर्सिंग कॉलेज को बंद करने का आदेश दे दिया है। लेकिन अभी भी ये मामला सुलझा नहीं है। आइये जानते है पूरा घटनाक्रम।
मध्यप्रदेश के 66 नर्सिंग कॉलेज अनसूटेबल
22 फरवरी को मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की टीम हाई कोर्ट में पेश हुई थी। सीबीआई की टीम ने हाईकोर्ट को 308 कॉलेजों की एक सूची सौंपी थी। इस सूची में कॉलेजों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया था, सूटेबल, डेफिसिएंट, और अनसूटेबल। इसमें 31 जिलों के 66 कॉलेजों को अनुपयुक्त की श्रेणी में रखा गया है।
इस सूची के अनुसार, 169 कॉलेजों को 'सूटेबल विद माइनर डिफिसिएंसी' की श्रेणी में रखा गया है। इन 169 कॉलेज में से 132 कॉलेज उपयुक्त हैं, और 37 कॉलेज मामूली कमी के साथ उपयुक्त हैं। दूसरी श्रेणी 'डेफिसिएंट' में 73 कॉलेजों को, और 66 कॉलेजों को 'अनसूटेबल' की श्रेणी में रखा गया है।
111 अफसरों को शो कॉज नोटिस जारी
इन 66 अनसूटेबल कॉलेजों का सीबीआई की जांच से पहले से पहले भी निरिक्षण किया गया था। ये निरिक्षण सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और टीचिंग फैकल्टी ने किया था। कुल 111 अफसरों की टीम ने इंडियन नर्सिंग कौंसिल और मप्र नर्सिंग कौंसिल के मानकों के आधार पर कॉलेजों का निरिक्षण किया था। अपनी रिपोर्ट में इस टीम ने जिन कॉलेजों को फिट बताया था उनमें से सीबीआई की जांच में 66 कॉलेज अनसूटेबल पाए गए हैं। अब इन 111 अफसरों के खिलाफ शो कॉज नोटिस जारी किया गया है।
जांच कर रही सीबीआई की टीम के अफसर रिश्वत लेते गिरफ्तार
नर्सिंग घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की टीम में भी गड़बड़ी पाई गई है। मंगलवार को सीबीआई ने नर्सिंग घोटाले के लिए रिश्वत लेने के आरोप में 10 नए नाम जारी किये हैं। इनमें भोपाल में रहने वाले सीबीआई के इंस्पेक्टर ऋषिकांत असाठे और डीएसपी आशीष प्रसाद भी शामिल हैं। इससे पहले सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज और सुशील कुमार मजोका की गिरफ्तारी भी की हो चुकी है।
169 'सूटेबल' कॉलेजों की दोबारा होगी जांच
सीबीआई अफसरों की टीम की गिरफ्तारी के बाद से जांच फिर संदेहों के घेरे में आ गई है। इसी टीम की जांच पर 169 कॉलेज सूटेबल और कई कॉलेज अनफिट करार दिए गए थे। इसे लेकर मंगलवार लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी, जिसमे इन 169 कॉलेजों की दोबारा जांच की मांग की गई थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। इस नई जांच में सीबीआई की टीम के साथ संबंधित जिलों के न्यायिक मजिस्ट्रेट, और कॉलेजों के संचालक और प्रिंसिपल भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही इस पूरी जांच प्रक्रिया की वीडिओग्राफी भी कराई जाएगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होगी।
कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारीयों पर कार्रवाई की मांग
इस पूरे मामले को लेकर नर्सिंग कॉलेज घोटाले के विसिल ब्लोअर रवि परमार ने कहा कि, "जिन 66 नर्सिंग कॉलेज को सील करने के आदेश दिए हैं उन कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों पर भी तत्काल कार्रवाई होना चाहिए।" परमार ने कहा कि सीएम यादव अगर मुलाकात के लिए समय देते हैं तो कागजों में चल रहे कई अन्य कॉलेजों की लिस्ट भी साक्ष्य सहित उन्हें हम सौंपेंगे जिससे जो मध्यप्रदेश नर्सिंग कालेजों ने जो गंदगी फैलाई है उसका सफाया हो सके।
मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ी का मामला लंबे समय से अटका हुआ है। मध्यप्रदेश 10 सरकारी कॉलेज भी इन जांचों में अनफिट पाए गए हैं। इन सब के अलावा जुलाई में हुई नर्सिंग प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट अब तक नहीं आए हैं। ऐसी सूरत में लंबी अपारदर्शी जांच की प्रक्रिया ने नर्सिंग छात्रों का भविष्य अधर में लटका दिया है।
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