...
Skip to content

MP Budget 2024: एमपी के बजट में पर्यावरण का कितना ख्याल, मुख्य बातें

MP Budget 2024: एमपी के बजट में पर्यावरण का कितना ख्याल, मुख्य बातें
MP Budget 2024: एमपी के बजट में पर्यावरण का कितना ख्याल, मुख्य बातें

REPORTED BY

Follow our coverage on Google News

बीते बुधवार मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश का आम बजट पेश किया. इस वर्ष कुल 3 लाख 65 हज़ार 67 करोड़ का बजट पेश किया गया है. यह बीते बजट की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है.

वहीँ बजट में बताया गया कि वर्ष 2003-04 की तुलना में प्रति व्यक्ति आय 11 गुना बढ़ गई है. 2003 में यह 13 हज़ार 465 थी जो अब बढ़कर 1 लाख 42 हज़ार 565 रूपए हो गई है. आइये जानते हैं इस बजट से जुड़े हुए महत्वपूर्ण पहलू.

कृषि क्षेत्र के लिए कितना पैसा?

सरकार ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि ख़रीफ़ 2023 में प्रदेश का कुल उत्पादन 300 लाख मैट्रिक टन था. वहीँ रबी 2023-24 में कुल 393 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन अनुमानित है. कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत आवंटित राशि निम्नानुसार है. 

  • अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 5510 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.

  • वहीँ मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु 4900 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.

  • पीएम फ़सल बीमा योजना के लिए 2001 करोड़ रूपए देने का प्रावधान किया गया है.

  • समर्थन मूल्य पर फ़सल उपार्जन पर बोनस राशि देने के लिए 1000 करोड़ रूपए देने का प्रावधान रखा गया है.

  • पीएम मत्स्य सम्पदा योजना के लिए 102 करोड़ रूपए देने का ही प्रावधान किया गया है.

  • कोदो-कुटकी के उपार्जन पर प्रति किग्रा 10 रूपए की अतिरिक्त राशि दी जाएगी. 

  • प्राकृतिक खेती के लिए 30 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.

  • प्रदेश में अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के ऐसे किसान जिनके पास 1 हेक्टेयर तक ही भूमि है, को 5 हार्सपावर तक के विद्युत पम्प के संचालन के लिए पहले से ही मुक्त बिजली दी जा रही है. इसके लिए इस बजट में 11 हज़ार 65 करोड़ का प्रावधान 

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए क्या-क्या प्रावधान हुए?

उप-मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए बताया कि सरकार ने 46 हज़ार से अधिक नवीन पदों का सृजन किया है. इसके अलावा इस क्षेत्र में निम्न महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए.

  • प्रदेश में इस वित्त वर्ष से मंदसौर, नीमच और सिवनी में 3 शासकीय चिकित्सालय संचालित होने लगेंगे. इस तरह प्रदेश में अब 17 शासकीय चिकित्सालय हो जाएँगे.

  • प्रदेश में स्नातक स्तर के कोर्सेस की कुल सीटों की संख्या 3 हज़ार 605 हो जाएगी. वहीँ स्नाकोत्तर स्तर के लिए 1 हज़ार 507 सीट्स हो जाएंगी. पहले यह संख्या क्रमशः 2 हज़ार 275 और 1 हज़ार 262 थी.

  • वहीँ ज़िला/सिविल अस्पताल और औषधालय हेतु 1680 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.

  • आयुष्मान भारत योजना के लिए 1 हज़ार 381 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह बीते वर्ष की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है.

  • ज़िला चिकित्सालयों में 132 प्रकार की और ग्रामीण क्षेत्रों में 45 प्रकार की जांच सुविधाएँ निजी-भागेदारी के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी.

  • सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के लिए 3 हज़ार 469 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

  • राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन के लिए 4500 करोड़ का प्रावधान.

  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 981 करोड़ रूपए का प्रावधान.

इस तरह वित्तवर्ष 2024-25 हेतु 21 हज़ार 444 करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह बीते बजट की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.

अन्य प्रावधान

  • पीएम ई-बस योजना के अंतर्गत 6 शहरों में 552 बसों का संचालन.

  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए आगमि 5 सालों में 5 हज़ार करोड़ रूपए निवेश करने का प्रावधान किया गया है.

  • वहीँ ग्रामीण इलाकों में इस मिशन के लिए कुल 500 करोड़ रूपए का प्रावधान वर्तमान वित्त वर्ष के लिए किया गया है.

  • इमारती लकड़ी के उत्पादन हेतु 159 करोड़ रूपए का प्रावधान.

  • बाढ़ एवं अतिवृष्टि पीड़ितों को राहत देने के लिए 650 करोड़ और ओला पीड़ितों के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

यह भी पढ़ें

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जटिल शब्दावली सरल भाषा में समझने के लिए पढ़िए हमारी क्लाईमेट ग्लॉसरी

Author

Support Ground Report to keep independent environmental journalism alive in India

We do deep on-ground reports on environmental, and related issues from the margins of India, with a particular focus on Madhya Pradesh, to inspire relevant interventions and solutions. 

We believe climate change should be the basis of current discourse, and our stories attempt to reflect the same.

Connect With Us

Send your feedback at greport2018@gmail.com

Newsletter

Subscribe our weekly free newsletter on Substack to get tailored content directly to your inbox.

When you pay, you ensure that we are able to produce on-ground underreported environmental stories and keep them free-to-read for those who can’t pay. In exchange, you get exclusive benefits.

Your support amplifies voices too often overlooked, thank you for being part of the movement.

EXPLORE MORE

LATEST

mORE GROUND REPORTS

Environment stories from the margins