2 फरवरी 2024 को प्रदेश के इंदौर (Indore) में विश्व वेटलैंड डे मनाया गया था। इसमें देश दुनिया के बड़े विशेषज्ञों का जमावड़ा हुआ था। मुख्यमंत्री मोहन यादव, पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, और रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसोदा मुंबा भी आईं थीं।
मोहन यादव ने प्रकृति संरक्षण को हमारी संस्कृति का हिस्सा बताया था। डॉ. मुसोदा ने कहा था कि दुनिया प्रकृति संरक्षण के बारे में भारत से सीख सकती है, और इंदौर एक दिन वेटलैंड सिटी बनेगा, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है।
सिरपुर तालाब से लग कर चल रहे निर्माण कार्य
वेटलैंड रूल्स के मुताबिक वेटलैंड के 50 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होने चाहिए। इंदौर का मास्टर प्लान भी किसी वाटर बॉडी के 60 मीटर की सीमा में निर्माण कार्य की इजाजत नहीं देता है। लेकिन इन सब नियमों के बावजूद सिरपुर तालाब (Sirpur Lake) के नजदीक ही निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।
तालाब में मिल रहा कचरा और दूषित जल
तालाब के बगल से ही 2 पार्क बनाए गए हैं। इन 2 पार्कों को आपस में जोड़ने के लिए लोहे का ब्रिज है। इस ब्रिज के नीचे से एक नाला जाता है जो सीधे सिरपुर तालाब में मिलता है।
इन सब के अलावा सिरपुर तालाब के इर्द गिर्द कांक्रीट, सीमेंट, लोहे की सरिया जैसी निर्माण सामग्रियां भी तालाब के करीब ही मौजूद है। निर्माण में उपयोग की गई मिट्टी सीमेंट और बाकी कचरा भी बह कर तालाब में जाता है। इससे तालाब का पानी दूषित होता है साथ ही कचरे के जमने से वेटलैंड का एरिया भी छोटा हो सकता है।
वेटलैंड (Wetland) से आशय एक दलदली भूमि से है जहां कई क्षेत्रों के पक्षी और कीट आते हैं, और जैव विविधता (Biodiversity) को पनाह मिलती है। लेकिन सिरपुर में नाले का गंदा पानी मिल रहा है, और निर्माण कार्य भी किये जा रहे हैं।
मामला एनजीटी (NGT) में
हालांकि इस विषय में एनजीटी में एक याचिका भी दायर की गई है। बीते दिनों इस पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने एक कमेटी गठित कर तालाब और उसके निर्माण का सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। क्षेत्र का सर्वे हो चुका है लेकिन रिपोर्ट आनी अभी बांकी है।
ग्राउंड रिपोर्ट ने जब याचिका कर्ता रशीद नूर खान से इस विषय में पूछा तो उन्होंने कहा,
"लंबी कानूनी प्रक्रिया के चलते जैव विविधता को खासा नुकसान होता है। जब तक इस पर कोई फैसला या स्टे मिल पाए तब तक पर्यावरण पर्याप्त डैमेज हो चुका होता है, जिसकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं है। वाजिब तो ये है की जिम्मेदार संस्थाओं को इन घटनाओं का स्वतः संज्ञान (Suo moto cognizance) लेकर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पर्यवरण नुकसान से बच सके।"
सिरपुर तालाब एक अंतर्राष्ट्रीय महत्व का स्थल है, और एक रामसर साइट (Ramsar Site) है। लेकिन हर प्राकृतिक स्थल को टूरिज्म पॉइंट की तरह विकसित करने का ऑब्सेशन भी पर्यवरण के लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि अभी सर्वे की रिपोर्ट और एनजीटी (NGT) का फैसला आना शेष है, इसके बाद ही तस्वीर पूरी तरह साफ हो पाएगी।
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