मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में अनाज के संग्रहण के लिए समय-समय पर वेयर हाउस नीतियां लाईं हैं। लेकिन सरकार की हालिया नीतियों से प्रदेश के वेयर हाउस संचालक नाराज दिखे, जिसका सीधा असर प्रदेश में गेंहूं के सीमित संग्रहण के रूप में दिखा है। वहीं दूसरी सरकार ने प्रदेश के किसानों को वेयर हाउस सब्सिडी योजना यानी ग्रामीण भण्डारण योजना के तहत प्रदेश के किसानों को अपने खेतों में ही गोदाम बनाने के लिए अनुदान देकर प्रोत्साहित किया।
ग्रामीण भण्डारण योजना के माध्यम से कई किसानों ने अपने खेत में गोदाम तो बना लिए लेकिन इससे उनकी समस्याओं में और इजाफा ही हुआ है। मौजूदा स्थिति के अनुसार प्रदेश की उत्पादन क्षमता से कहीं अधिक गोदाम बन चुके हैं, और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के कई किसानों को लंबे समय से किराया नहीं मिला है। गोदामों की अधिकता की वजह से इनके गोदाम 20 से 30 प्रतिशत ही भर पा रहे हैं। इन सब के बाद इन किसानों के सर पर लोन की किश्तों की तलवार भी लटक रही है।
ग्राउंड रिपोर्ट ने मध्यप्रदेश के गोदाम मालिक बने किसानों की समस्या पर एक विस्तृत रिपोर्टिंग की है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं:
सरकार के भरोसे खेतों में वेयरहाउस बनाकर कर्ज़दार बन रहे एमपी के किसान
ग्राउंड रिपोर्ट की खबर के बाद प्रदेश के वेयर हाउस मालिकों की इन्ही समस्याओं के निवारण के क्रम में हाल के दिनों में कई प्रयास किये गए हैं। इन्हीं प्रयासों के चलते एक बैठक दिनांक 21 अक्टूबर को हुई है। इस सामूहिक समीक्षा बैठक में मध्यप्रदेश वेयरहाउस ऑनर्स एसोसिएशन के माध्यम से सीहोर जिले के वेयरहाउस संचालक, एएमडी मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन श्री ओ.पी.सनोदिया,डी.एम.नॉन, ब्रांच मैनेजर वेयरहाउसिंग भी शामिल हुए।
गूगल मीट के जरिये संपन्न हुई इस बैठक एएमडी महोदय ने ब्रांच अनुसार किराए प्रदान करने की समीक्षा की एवं वेयरहाउस संचालकों से संवाद किया। साथ ही जिन वेयरहाउस का किराया कई महीनों से प्रदान नही किया गया है उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान कर विभागों को भुगतना करने के लिए निर्देशित भी किया। इन सब के अतिरिक्त एएमडी ने जिन वेयरहाउस का किराया कई महीनों से प्रदान नही किया गया है उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान कर विभागों को भुगतना करने के लिए निर्देशित किया।
अंततः एएमडी ने आश्वाशन दिया कि दिनांक 22 अक्टूबर को भोपाल जिले की समीक्षा होगी। तदुपरांत प्रदेश के अन्य जिलों की भी लगातार समीक्षा होगी जिसे एएमडी खुद करेंगे और वेयरहाउस संचालकों का भुगतान सुनिश्चित करवाएंगे।
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