राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार ने संसद में जो आंकड़ें पेश किए हैं उससे स्पष्ट है कि सरकार ने आवश्यकता के अनुरूप खाद उपलब्ध नहीं करवाई। आपूर्ति में लेटलतीफी के चलते किसान परेशान हैं और कालाबाजारी बढ़ रही है।
प्रचार और बड़े दावों के बाद भी मध्यप्रदेश के किसान नैनो यूरिआ का इस्तेमाल नहीं करना चाह रहे हैं। कई समितियों में किसानों को तीन बोरी खाद पर एक बोतल यूरिआ के लिए बाध्य भी किया जा रहा है।
Madhya Pradesh farmers protest a severe fertilizer shortage during Rabi sowing season. Black marketing of DAP and urea is widespread. Bharatiya Kisan Sangh urges the Chief Minister to resolve the crisis and prevent further unrest