आम तौर पर हम यह देखते हैं कि औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी युवा बेरोजगार रह जाता है. ऐसा होने के पीछे बहुत से कारण है. मगर इनमें एक महत्वपूर्ण कारण औपचारिक शिक्षा के साथ व्यवहारिक ज्ञान का न होना है. मगर मध्य प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार की ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ के तहत सरकार युवाओं को किसी फार्म में काम करते हुए सीखने और साथ-साथ कमाने के अवसर देने वाली है. योजना के तहत युवाओं और फार्म दोनों का ही पंजीयन किया जाएगा एवं युवाओं को स्टाइपेंड देते हुए उन्हें बाधा रहित प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा.
क्या है योजना?
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना ऐसे युवाओं को सीखने का अवसर प्रदान करेगी जिन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा जैसे हायर सेकेंडरी, स्नातक या उससे भी उच्च शिक्षा पूर्ण कर ली है. ऐसे बेरोजगार युवाओं को काम सीखने और इंडस्ट्री का एक्सपोज़र दिलाने के लिए इस योजना का सञ्चालन किया जा रहा है. योजना के अंतर्गत युवाओं को काम सीखते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त स्टाइपेंड के माध्यम से कमाने का अवसर प्रदान किया जाएगा. इससे वह एक ओर आर्थिक रूप से सबल होगा और साथ ही प्राप्त प्रशिक्षण और कार्यानुभव के आधार पर आगे के रोज़गार के अवसर खोज सकेगा.
पात्रता
- ऐसे युवा जो मध्यप्रदेश के नागरिक हों.
- जिनकी उम्र 18 से 29 वर्ष के बीच हो.
- जो शैक्षणिक रूप से 12वीं पास हों, ग्रेजुएट हों या इससे भी उच्च शिक्षा प्राप्त की हो.
स्टाइपेंड एवं अन्य लाभ
राज्य सरकार द्वारा इस बावत प्रत्येक युवा को 1 लाख तक का स्टाइपेंड देने की योजना है एवं इसके अंतर्गत लगभग 1 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना है. स्टाइपेंड को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर विभाजित किया गया है. योजना के तहत 12वीं उत्तीर्ण को रु. 8000, आईटीआई उत्तीर्ण को रु. 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को रु. 9000 एवं स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को रु. 10000 स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा.
स्टाइपेंड का निर्धारण सम्बंधित जॉब की न्यूनतम योग्यता के आधार पर किया जाएगा. यानि किसी जॉब के लिए न्यूनतम योग्यता यदि 12वीं उत्तीर्ण करना है तो उसके तहत आवेदन करने वाले ग्रेजुएट व्यक्ति को भी 8 हज़ार रूपए ही दिए जाएँगे.
योजना के तहत सेक्टरवार तरीके से विभिन्न कोर्स (जॉब रोल) तय किए गए हैं. जिन्हें यहाँ क्लिक करके देखा जा सकता है. प्रशिक्षण के उपरांत अभ्यर्थी छात्र को मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट काउंसिल फ़ॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इसका उपयोग वह आगे सम्बंधित जॉब के लिए आवेदन करते हुए कर सकते हैं.
पंजीयन के लिए क्या चाहिए होगा?
इस योजना के पंजीयन के लिए सबसे पहले अभ्यर्थी यह सुनिश्चित कर लें कि उनके पास समग्र आईडी है. इसके अलावा इस आईडी का आधार केवाईसी एवं आईडी से लिंक मोबाईल नंबर और ईमेल का सक्रिय होना ज़रूरी है. अभ्यर्थी आवेदन करने के दौरान अपनी शैक्षणिक योग्यता से सम्बंधित अंकसूची की सॉफ्टकॉपी (जो 500 केबी से ज़्यादा की न हो) रख लें.
पंजीयन प्रक्रिया
अभ्यर्थी को आवेदन करने के लिये www.mmsky.gov.in पोर्टल पर जाना होगा. इस लिंक पर जाने के पश्चात वेबसाईट में दिए गए अभ्यर्थी पंजीयन पर क्लिक करना होगा. वेबसाईट द्वारा मांगी गई समस्त जानकारी देने के पश्चात अभ्यर्थी का प्राथमिक पंजीयन पूरा होगा और उसे एक आईडी और पासवर्ड मिलेगा. इसके बाद उसे लॉग इन करके अपनी पसंद के अनुसार कोर्स का चयन करना होगा.
पंजीयन पूरा करने के लिए सरकार द्वारा एक गाइड भी जारी की गई है.
प्रतिष्ठान (कंपनी) से सम्बंधित जानकारी
इस योजना के तहत मध्यप्रदेश और इसके बाहर के प्रतिष्ठान भी पंजीयन कर सकते हैं. पंजीयन के लिए जीएसटी नंबर, फार्म के मालिक का आधार कार्ड की सॉफ्ट कॉपी और 19 से ज़्यादा कर्मचारी होने की स्थिति में ईपीएफ़ नंबर ऑफ़ स्टेबलिशमेंट होना अनिवार्य है. इसके तहत उपर्युक्त वेबसाईट के प्रतिष्ठान पंजीयन पर क्लिक करके प्रतिष्ठान खुद का पंजीयन कर सकता है. अधिक जानकारी के लिए संस्थान प्रतिष्ठान हेतु तैयार की गई गाइड का सहारा ले सकते हैं.
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