महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र (Marathwada) में जल संकट और भी गंभीर हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मराठवाड़ा के 11 प्रमुख डैम में से 5 पूरी तरह से सूख गए हैं। मराठवाड़ा का सबसे बड़ा जलाशय जयकवाड़ी बांध है जिसमें अपनी कुल भंडारण क्षमता का केवल 4 फीसदी पानी बचा है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल कम बारिश के कारण क्षेत्र में गंभीर जल संकट पैदा हो गया है, जिसके चलते 11 प्रमुख परियोजनाओं में बिलकुल पानी नहीं बचा है।
छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) स्थित जयकवाड़ी बांध में वर्तमान में केवल 3 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी बचा है, जो इसकी कुल क्षमता का महज 4.04 प्रतिशत है। यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में काफी कम है, जब बांध में 34.94 फीसदी पानी हुआ करता था।
अन्य छह डैम का जलस्तर भी काफी कम है, जिसमें निम्न दुधना (परभणी) 6.23%, विष्णुपुरी (नांदेड़) 15.58%, मानर (नांदेड़) 22.63%, येलदरी (परभणी) 26.66% और पेनगंगा (नांदेड़) 29.23% है। इन परियोजनाओं में कुल जलभंडार वर्तमान में 11.28% है, जो पिछले साल इसी समय 38.64% था।
छत्रपति संभाजी नगर (Chhatrapati Sambhaji Nagar) में जयकवाड़ी बांध की जलस्थिति के कारण आठ दिन में एक बार पानी की आपूर्ति की जा रही है। हालंकि शहर में वर्तमान में एक नई समानांतर सप्लाई लाइन बिछाने का काम जारी है, जिसकी इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
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