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State of the Ocean Report 2024: 20 सालों में दोगुने गर्म हुए महासागर

यूनेस्को ने हाल ही में अपनी सालाना State of the Ocean Report 2024 जारी की है। इसकी शुरुआत IOC-UNESCO द्वारा 2022 के संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के दौरान की गई थी। यह रिपोर्ट समुद्र की वर्तमान स्थिति का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है।

By Ground Report Desk
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यूनेस्को ने हाल ही में अपनी सालाना 'State of the Ocean Report 2024' जारी की है। इसकी शुरुआत अंतर-सरकारी महासागरिक आयोग (IOC-UNESCO) द्वारा 2022 के संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के दौरान की गई थी। यह रिपोर्ट समुद्र की वर्तमान स्थिति का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है। इसका प्रमुख उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के डिकेड ऑफ ओशन साइंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (2021-2030) की प्रगति को ट्रैक करना और हमारे महासागरों के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के प्रयासों को प्रेरित करना है। आइये जानते हैं क्या कहती है यह रिपोर्ट। 

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यह रिपोर्ट वर्ष 2022 से जारी की जा रही है।  यह रिपोर्ट 100 से अधिक समुद्री विज्ञान विशेषज्ञों के इनसाइट्स को शामिल करती है, और महासागरीय अम्लीकरण, प्रदूषण और सुनामी चेतावनियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर करती है। यह रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष विश्व महासागर दिवस (8 जून) पर जारी की जाती है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य हमारे महासागरों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए वैश्विक सहयोग और कार्रवाई को बढ़ावा देना है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष 

1. महासागरीय गर्मी: महासागरों की गर्मी की दर गत 20 वर्षों में दोगुनी हो गई है। साल 2023 में महासागरों की गर्मीं में काफी वृद्धि देखी गई है। खासतौर पर भूमध्यसागरीय, उष्णकटिबंधीय अटलांटिक महासागर और दक्षिणी महासागरों में 2°C से अधिक गर्मी आंकी गई है।

2. समुद्र स्तर में वृद्धि: रिपोर्ट बताती है कि समुद्र का स्तर लगातार बढ़ रहा है। यह महासागरीय ऊष्मा के अवशोषण में 40% योगदान देता है जो कि चिंताजनक है। ग्रीनलैंड और पश्चिमी अंटार्कटिका वे क्षेत्र हैं जहां बर्फ के द्रव्यमान में तेज हानि हुई है।

3. ऑक्सीजन स्तर में गिरावट: यूनेस्को की इस रिपोर्ट के मुताबिक महासागरों ने 1960 के बाद से अपना 2% ऑक्सीजन खो दिया है। इस घटना से तटीय क्षेत्र काफी प्रभावित हैं, जहां बढ़ती अम्लता तटीय प्रजातियों के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है।

4. अम्लीकरण: हमारे महासागर साल भर में मानवजनित CO2 का 25% अवशोषित करते हैं। इससे समुद्री जल का पीएच मान घट रहा है। इस शताब्दी के अंत तक अम्लीकरण के 100% से अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

समुद्री सुरक्षा को लेकर बड़ी चुनौतियाँ 

समुद्र की सुरक्षा के मामले में कई चुनौतियां हैं। सबसे पहले, अवैध, अनसूचित और अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ना, समुद्र के फिश स्टॉक को समाप्त करता है और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करता है। यह एक चिंता का विषय है कि वैश्विक मछली स्टॉक का लगभग 33% अति-मत्स्यन का शिकार है। 

दूसरी बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन है। समुद्र के तापमान में वृद्धि और बढ़ती अम्लता महासागरों के लिए गंभीर खतरे पेश करती हैं। 1970 के बाद से, महासागरों ने 90% से अधिक अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित किया है, और उन्होंने कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का 30% भी अवशोषित किया है। इस वजह से हमारे सागरों की अम्लता बढ़ी है।

सागरों की स्वास्थ के लिए प्रदूषण भी एक और बड़ी चुनौती है। प्लास्टिक कचरा, तेल रिसाव और कृषि अपवाह समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं और महासागर में मृत क्षेत्रों का निर्माण करते हैं। इसके अलावा आक्रामक प्रजातियां भी समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करती हैं और मूल प्रजातियों को नुकसान पहुंचाती हैं। ये आक्रामक प्रजातियां बैलास्ट जल के निकास या ऑक्सीडेंटल रिलीज़ से नए वातावरणों में प्रवेश करती हैं। 

वर्तमान में, केवल 16% महासागर ही समुद्री संरक्षित क्षेत्रों से कवर हैं, जबकि उच्च समुद्रों में सुरक्षा और समन्वय की कमी है। रिपोर्ट में खा गया है कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न हितधारकों का साथ मिलकर काम करना आवश्यक है। सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए और हमारे महासागरों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रभावी संरक्षण उपायों को लागू करना चाहिए।

महासागरों को बचाने के लिए रिपोर्ट में की गई सिफारिशें 

रिपोर्ट में महासागरों को लेकर कुछ अहम  सिफारिशें की गई हैं। सबसे पहले, तटीय ब्लू कार्बन पारिस्थितिकी तंत्रों जैसे मैंग्रोव, समुद्री घास और ज्वारीय दलदल हमें एक गर्म और अधिक अम्लीय महासागर से बचते हैं और आश्रय प्रदान करते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि इनके संरक्षण पर खास ध्यान जाए। 

रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर महासागर के तल के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के प्रयासों को बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है। क्योंकि वर्तमान में महासागर के तल का 75% प्रतिशत हिस्सा एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है। इसके अलावा समुद्री नीति और समुद्री भविष्य के लिए योजना बनाने में स्वदेशी लोगों को शामिल करने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है।

इसके साथ ही, समाज में महासागरों को लेकर समझ और इसे बचाने में सबकी जिम्मेदारी की भूमिका को समझने पर भी जोर दिया गया है। अंत में, रिपोर्ट में स्थानीय परिवर्तनों के प्रति अनुकूलन करने पर भी जोर दिया गया है, क्योंकि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।

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