छत्तीसगढ़ में नई सरकार आने के साथ ही नक्सलियों (naxals) पर कार्रवाई चालू हो गई है। 2 अप्रैल को भी 9 नक्सलियों के एनकाउंटर का मामला सामने आया था। इसके बाद 10 मई को भी छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पीडिया गांव के जंगलों में नक्सलियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई हुई। इस मुठभेड़ 12 नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ, और पुलिस ने बड़ी मात्रा में असलहा भी बरामद किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साईं ने पुलिस बल को बधाइयां भी दीं। लेकिन इन मृतकों के परिजनों का आरोप है कि ये एनकाउंटर फर्जी है, और मारे गए लोग आम गांव वाले हैं।
#Bijapur : पुलिस नक्सली मुठभेड़ पर CM विष्णुदेव साय का बयान
— Bharat 24- MP/CG (@Bharat24MPCG) May 10, 2024
मुठभेड़ में मारे गए 12 नक्सली
मुख्यमंत्री ने मुठभेड़ में शामिल जवानों और अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी#Chhattisgarh #BJP #Bharat24Digital@vishnudsai @CG_Police pic.twitter.com/G6TjYwk1RM
नक्सली नहीं आम ग्रामीण थे मृतक?
इस एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिजनों का कहना है मारे गए लोग नक्सली नहीं बल्कि आम ग्रामीण थे। इसके बाद मृतकों के परिजनों ने बीजापुर जिला मुख्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया। इन ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये एनकाउंटर फर्जी था। ये लोग जंगलों में तेंदूपत्ता तोड़ रहे थे तब पुलिस ने इनका एनकाउंटर कर दिया। परिजनों ने बताया की ये ग्रामीण निहत्थे थे। इन्होने पुलिस को बताया भी की ये नक्सली नहीं बल्कि आम ग्रामीण हैं, फिर भी पुलिस ने इन्हे गोली मार दी।
सुरक्षा बालों ने किया आरोपों का खंडन
सुरक्षा बलों ने इन आरोपों का खंडन किया है और बताया है की ये सभी इनामी नक्सली थे। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने कहा कि, उन्होंने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) संगठन की सैन्य कंपनी नंबर 2 के दोनों सदस्यों, बुधु ओयम और कल्लू पुनेम सहित 12 माओवादियों को मार गिराया है। सुरक्षा बलों के मुताबिक ईनके सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम था।
Security forces deal a blow to Naxal insurgency in #Chhattisgarh's Bijapur district, eliminating 12 militants.#NaxalFreeBharat #YCPLosingBig#KKRvMI #RahulModiDebate#YogiAdityanathInAdalat#KashiDroneShow pic.twitter.com/mdbzpnCB6Q
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मुठभेड़ में मारे गए अन्य लोगों में माओवादियों की गंगालूर एरिया कमेटी के सदस्य लाखे कुंजाम और सैन्य प्लाटून नंबर 12 के सदस्य भीमा करम शामिल थे, जिनके सिर पर 5-5 लाख का इनाम था। अन्य मृतक, मिलिशिया प्लाटून कमांडर सन्नू लाकोम और जनता सरकार (पीपुल्स गवर्नमेंट) के उप-प्रमुख अवलम, प्रत्येक पर ₹2 लाख का इनाम था।
मीडिया से बात करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि, पश्चिम बस्तर डिवीजन में पीडिया काफी हद तक माओवादियों के नियंत्रण में है। बस्तर उनके अंतिम तीन गढ़ों में से एक है, अन्य दो अबूझमाड़ और दक्षिण बस्तर हैं। पुलिस ने कहा कि बीजापुर में लगभग 3,000 मिलिशिया कैडर हैं, जिनमें से 600 के बारे में माना जाता है कि वे सशस्त्र हैं।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस घटना के बाद कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया है, और कहा कि सुरक्षा संस्थाओं पर अनपेक्षित दबाव है। कांग्रेस विधायक कवासी लकमा ने भी कहा कि, ये तेंदूपत्ता का सीजन है और आदिवासियों को नक्सली बताना भाजपा की पुरानी आदत है।
नक्सली समस्या का हल ज़रूरी है और सुरक्षा बलों का हौसले बढ़ाना भी।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 12, 2024
लेकिन सुरक्षा बलों पर अनपेक्षित राजनीतिक दबाव ऐसा नहीं होना चाहिए कि उनकी कार्रवाइयों पर सवाल खड़े हों। सुरक्षा बलों को भी ध्यान में रहना चाहिए कि अंतत: उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति है।
प्रदेश की भाजपा… pic.twitter.com/7TWUgjLjbz
इसके अलावा कांग्रेस ने एक राज्य स्तरीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी गठित की है जो मामले की पड़ताल करेगी। टीम का नेतृत्व आदिवासी नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष संतराम नेताम कर रहे हैं और इसमें इंद्र शाह मंडावी, विक्रम मंडावी, जनक राम ध्रुव, सावित्री मंडावी, देवती कर्मा, रजनू नेताम और शंकर कुडियाम शामिल हैं।
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