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तिब्बत से बिहार तक बहने वाली सनकोशी नदी से 24,575 किलोग्राम कचरा हटाया गया

प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या का प्रभाव नेपाल (Nepal) की सनकोशी (Sunkoshi River) नदी पर भी देखने को मिल रहा था। इसी सिलसिले 134 लोगों ने मिलकर सनकोसी नदी को साफ़ करने का अभियान चलाया और इसे साफ़ किया। 

By Ground report
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sunkoshi

Source: X(@AmitripsTravel)

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दुनिया भर में बहने वाली नदियां वर्तमान में प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रही हैं। इस समस्या का प्रभाव नेपाल (Nepal) की सनकोशी (Sunkoshi River) नदी पर भी देखने को मिल रहा था। इसी सिलसिले 134 लोगों ने मिलकर सनकोसी नदी को साफ़ करने का अभियान चलाया और इसे साफ़ किया। 

नेपाल के बागमती प्रांत में सनकोशी नदी को साफ करने के लिए, PLEASE (Plastic Free Rivers and Seas of South Asia) कार्यक्रम चलाया गया था। यह कार्यक्रम गोलानजोर ग्रामीण नगर पालिका में प्रोजेक्ट CAP (Collaborative Approach for Preventing Plastic Leakages in Rivers) द्वारा आयोजित किया गया था। इस नदी सफाई अभियान क्षेत्र के 134 लोगों ने भाग लिया था। 

सनकोशी नदी का जल स्रोत तिब्बत में झांगज़ैंगबो ग्लेशियर में स्थित है। यह नदी भारत में बिहार के कटिहार जिले में सप्तकोशी नदी से मिलकर अंततः गंगा नदी में मिल जाती है, और अंततः बांग्लादेश में बंगाल की खाड़ी में समुद्र में गिर जाती है। गोलनजोर ग्रामीण नगर पालिका, युवा समूहों, सशस्त्र पुलिस बल, नेपाल पुलिस, यातायात पुलिस और अन्य हितधारकों के सहयोग से सिविल सोसाइटी क्रिएशन नेपाल ने एक नदी सफाई अभियान पूरा किया। इस सफाई कार्यक्रम में सनकोशी नदी के किनारों और अपशिष्ट हॉटस्पॉट से 24,575 किलोग्राम कचरा हटाया गया।

इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने मीडिया से कहा कि गोलनजोर ग्रामीण नगर पालिका तेजी से शहरीकरण के कारण कचरे की समस्याओं का सामना कर रही है। प्लास्टिक की बोतलें और कचरा हर जगह पाया जाता है। राहगीरों और स्थानीय लोगों को नदी के किनारे कचरा डालना आसान लगता है। नदी का किनारा सिंगल-यूज्ड प्लास्टिक से नीला और लाल दिखाई देने लगता है। युवा समूह के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने से उचित निपटान, पुनर्चक्रण और अपशिष्ट कटौती रणनीतियों के माध्यम से नदियों में प्रवेश करने वाले प्लास्टिक की मात्रा में कमी आएगी।

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