Southern Germany flood: जर्मनी का दक्षिणी हिस्सा भारी के बारिश के बाद बाढ़ से गुज़र रहा है. बीते कुछ दिनों में यहाँ इतनी बारिश हुई है कि बीते 50 सालों का कोटा भी पूरा हो चुका है. भारी बारिश के बाद यहाँ हाल यह है कि सड़कें नदियाँ बन गई हैं. वहीँ नदियाँ अपने तटबंध तोड़कर शहरों में घुस रही हैं. इसे देखते हुए यहाँ सरकार ने आपातकाल घोषित कर दिया है. लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाढ़ के चलते अब तक 4 से भी ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीँ लगभग हज़ार से भी ज़्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है.
ऑस्ट्रिया में भी बाढ़ का ख़तरा
बारिश में किसी तरह की राहत न मिलने के चलते अब डेन्यूब नदी भी उफान पर है. फिलहाल इसके चलते जर्मनी के रेगेन्सबर्ग शहर में पानी भर गया है. मगर इससे जर्मनी के अलावा ऑस्ट्रिया और हंगरी के भी प्रभावित होने की आशंका है. दरअसल यह नदी आगे जाकर ऑस्ट्रिया के लिंज़ (linz) शहर से मिलती है. ऑस्ट्रिया में यह नदी करीब 350 किमी तक बहती है. ऐसे में बाढ़ के बाद ऑस्ट्रिया ने इस नदी पर जहाज़ों के संचालन पर रोक लगा दी है.
जर्मनी में बढ़ती बाढ़
जर्मनी में बीते साल भी सन 1991 से 2020 के बीच हुई औसत बारिश से भी 20 प्रतिशत ज़्यादा बारिश हुई थी. वहीँ इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख के अनुसार यहाँ तीव्र बारिश की दर बीते 4 दशकों के आँकड़ों के मुकाबले 10 प्रतिशत ज़्यादा है. यानि बदलती जलवायु के साथ ही जर्मनी में बारिश का आँकड़ा भी बढ़ रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार धरती का तापमान यदि 1 डिग्री बढ़ता है तो हवा की आद्रता सोखने की क्षमता 7 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. यानि जैसे जैसे धरती गर्म होगी जर्मनी सहित पूरी दुनिया में बाढ़ और तूफ़ान की घटनाएँ बढ़ जाएंगी.
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