मध्यप्रदेश की सड़कों से लेकर खेतों तक आवारा मवेशी शुमार पाए जा रहे हैं। इससे शहर के निवासियों और गांव के आम किसानों को काफी मुसीबतें उठानी पड़ती हैं। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के रीवा जिले में बसामन मामा गौवंश वन्य विहार की स्थापना की गई थी। आगामी 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी रीवा पहुंचेंगे और कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। ग्राउंड रिपोर्ट की टीम ने इस गौ अभ्यारण में सुविधाओं का जायज़ा लिया।
गोवंशों के आश्रय और भरण पोषण के लिए बनाया गया विहार
बसामन मामा गौवंश वन्य विहार अपने आप में विशेष स्थल बताया जा रहा है। इस विहार का निर्माण शहर में आवारा घूम रही गायों को आश्रय देने के उद्देश्य से किया गया है। इसके अतिरिक्त विहार में गोबरधन योजना के तहत गोबर गैस प्लांट भी लगाया गया है।
इस विहार का निर्माण 51 एकड़ की भूमि में किया गया है। उपलब्ध जानकारियों के अनुसार इस स्थल में कम से कम 10,000 गोवंशों को रखने और उनके भरण पोषण की व्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में विहार में 18 शेड बनाए गए हैं जहां 6 हजार गायों की मौजूदगी बताई गई है। इसके अलावा गायों की चिकित्सा और चारागाह की व्यवस्था का भी जिक्र किया गया है।
सफाई, सुरक्षा जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं नदारद
इसी क्रम में ग्राउंड रिपोर्ट भी बसामन मामा गौवंश वन्य विहार पहुंचा और जमीनी स्थिति का जायजा लिया। जहां विहार में एक ओर प्रशासनिक अमला मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों में व्यस्त था, वहीं दूसरी और विहार में कई लापरवाहियां पाई गईं।
विहार के परिसर में दलदल जैसी स्थिति बनी हुई थी और सड़कों पर गोबर की मोटी परत जमी हुई थी, मानो मुद्दतों से वहां सफाई न हुई हो। इसके अलावा गौशाला में पानी भरा हुआ था, बिजली के तार भी गायों की पहुंच में लटक रहे थे।
विहार का बड़ा गेट भी खुला हुआ था जहां से गोवंश बेफिक्री से बाहर निकल कर सड़कों में जमा हो रहे थे। विहार से थोड़ी ही दूर स्टेट हाईवे के बीचों बीच गोवंशों के झुण्ड बेफिक्र बैठे थे।
बीते दिनों ही उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने रीवा के हिनौता में एक बड़ी गौशाला का भूमिपूजन किया था, और कहा की सरकार आवारा मवेशियों के विषय में सराहनीय कार्य कर रही है। लेकिन बसामन मामा गौवंश वन्य विहार के अंदर व्यवस्था बाहर सड़कों पर फैला झुण्ड इन दावों को सवाल खड़े कर रहे हैं।
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