साल 2025 तक भारत खुद को टीबी मुक्त देश बनाने के लिए संकल्पित है. मगर भारत में इसकी दवाओं की कमी इस लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल कर देती है. ख़बरों के अनुसार भारत में टीबी से सम्बंधित कई दवाओं की उपलब्धता नहीं है. जिसके चलते मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है.