Due to increasing windmills, changing farming practices, and a lack of coordination between the local community and forest department, the Number of Kharmor (Lesser Florican) in the state was reduced to zero.
बढ़ती पवन चक्कियां, बदलती खेती और स्थानीय समुदाय व वन विभाग के तालमेल की कमी से राज्य में शून्य हुई मध्य प्रदेश में खरमोर की संख्या, संरक्षण की बात केवल कागज़ों तक सिमटी।