भोपाल नगर निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ शाखा ने नेहरु नगर से पुराने भदभदा पुल के बीच एफटीएल (फुल टैंक लेबल) के 50 मीटर दायरे में आने वाले निर्माण को हटाने की कार्रवाई की तैयारी पूरी कर ली हैं, इसी कड़ी में निगम ने भदभदा बस्ती के निवासियों को अवैध अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किए हैं। इस सात दिवसीय नोटिस की मियाद कल यानि 23 सितंबर को खत्म हो रही हैं। कल निगम का बुलडोजर इस बस्ती पर चलता, इससे पहले ही यहां रहवासियों को कोर्ट से स्टटे मिल चुका है।नगर निगम ने यहां बनी झग्गी बस्तियों में एक हफ्ता पहले 11 सितंबर को नोटिस चिपकाया था जिसमें लिखा था कि ये झुग्गीयां बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किए अवैध रुप से बनाई गई हैं। यहां रह रहे लोग 7 दिन के भीतर इस अवैध निर्माण को हटा लें, वर्ना भोपाल नगर निगम अतिक्रमण हटाने का काम करेगी। नोटिस प्राप्त होने के बाद भदभदा बस्ती के लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके बाद 19 सितंबर को न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर स्टे लगा दिया है। ग्राउंड रिपोर्ट ने भदभदा बस्ती में रह रहे लोगों से इस मामले में बातचीत की है।
बरसों से हम यहां रह रहे हैं, अचानक सब अवैध कैसे हो गया?
भदभदा बस्ती के इसाक खां ने हमें बताया कि
"यहां पर हम सालों से रह रहे हैं। मेरे पिता का जन्म भी यही हुआ, हमारे पास इस मकान का पट्टा भी हैं। हम निगम को सालों से टैक्स भी जमा कर रहे हैं, और अब यह कहते हैं कि हमने अवैध अतिक्रमण किया है"
भदभदा बस्ती के लोग बताते हैं कि उन्हें निगम के झील प्रकोष्ठ सहायक यंत्री ने इसी माह की 11 तारीख को अवैध अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया था, यह नोटिस एनजीटी के आदेश को आधार बनाकर दिया गया था। इस नोटिस के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की हैं , इस याचिका के बाद कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी हैं। यह रोक 19 सितंबर को लगाई गई हैं। इस मामले में नवंबर माह में अगली सुनवाई होगी।
इसाक बताते हैं कि "हमें खबरों के माध्यम से पता चला है कि निगम शनिवार 23 सितंबर से अवैध अतिक्रमण हटाने की कारवाई करने वाला हैं, तो हम सभी ने क्षेत्रीय विधायक पीसी शर्मा को कोर्ट के स्टे की बात बताई और उन्होंने अपने लेटर हेड पर कोर्ट के आदेश की सूचना निगम कमिश्नर और स्थानीय पुलिस थाने में दी, साथ ही कारवाई नहीं करने की बात कहीं हैं। इस पर निगम कमिश्नर ने कारवाई नहीं करने का आश्वासन दिया हैं।"
वहीं बस्ती के ही हमीद खान कहते हैं
"निगम एक निजी होटल संचालक को लाभ पहुंचने के लिए एनजीटी के आदेश को आधार बनाकर वैध बस्ती को अवैध बनाकर कारवाई कर रहा हैं, जबकि यह बस्ती 1938 में बसाई गई हैं, इस बस्ती में 325 के आसपास मकान बने हुए है, जिसमें कुछ वक्फ बोर्ड की ज़मीन पर हैं, कुछ राजस्व की जमीन पर (जिसके पट्टे हैं लोगों के पास) हैं। वे कहते हैं कि हम तालाब की जमीन पर कब्जा करके रह रहे होते तो इतने सालों में सरकार को या निगम को कार्रवाई करने की याद क्यों नहीं आई। अब एक निजी होटल के बनने के बाद याद आई हैं, हम सालों से बिजली बिल, जल-कर, प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर रहे हैं, तब नहीं दिखा कि यह तो अवैध अतिक्रमण हैं?"
आपको बता दें कि भदभदा बस्ती के ठीक सामने ताज होटल है, झुग्गी बस्ती में रह रहे लोग यह आरोप लगाते हैं कि उनकी झुग्गीयों की वजह से होटल का नज़ारा खराब होता है इसीलिए नगर निगम बरसों से यहां रह रहे लोगों को हटाने की कार्रवाई पर उतारु है।
कलियासोत नदी और डैम के 33 मीटर दायरे में नहीं हटा अतिक्रमण
इसके साथ ही नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा ने कलियासोत डैम क्षेत्र के 33 मीटर दायरे में हुए 11 अवैध निर्माणों को लेकर नोटिस जारी किया था जिसे हटाने का कार्य शनिवार 23 सितंबर को किया जाना था। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक निगम ने इस कार्रवाई को फिल्हाल के लिए टाल दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस प्रशासन इस समय 25 तारीख को भोपाल आ रहे पीएम मोदी की सुरक्षा तैयारियों में व्यस्त है। ऐसे में अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम को पुलिस बल नहीं मिल रहा है।
टीटी नगर एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर कलियासोत डैम के 33 मीटर के दायरे में 96 अवैध प्रॉपर्टीज़ को चिन्हित किया गया है। इसमें 84 निर्माण सरकारी ज़मीन पर हैं। कलियासोत नदी की सर्वे रिपोर्ट अभी नहीं आई है, माना जा रहा है कि इसके बाद अवैध निर्माण की लिस्ट लंबी हो जाएगी।
केरवा नदी के एफटीएल क्षेत्र यानि नदी के 33 मीटर के दायरे में आने वाले अवैध अतिक्रमण पर शिवराज सरकार का बुलडोजर चलना हैं, लेकिन इस क्षेत्र के एसडीएम को बुलडोजर की कार्रवाई करने से पहले अवैध निर्माण की सर्वे रिपोर्ट तैयार करानी हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि अभी तक सर्वे रिपोर्ट का काम शुरू नहीं हो सका हैं और इसके पीछे की वजह इस क्षेत्र में रसूखदारों का अवैध अतिक्रमण हैं, जिनके दवाब में सर्वे के काम में देरी की जा रही हैं।
भोपाल में अवैध निर्माण हटाने का कार्य एनजीटी के आदेश के बाद किया जा रहा है, जिसमें कलियासोत नदी के दोनों किनारों पर 33 मीटर (करीब 100 फीट) नो-कंस्ट्रक्शन जोन बनाने और कलियासोत डेम की एफटीएल (फुल टैंक लेबल) से चारों ओर भी 33 मीटर तक ग्रीन बेल्ट या ओपन स्पेस सुनिश्चित करना होगा।
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