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Home Authors Shishir Agrawal

बड़वानी में नहर फूटने से किसान बेहाल, कपास और मिर्च की फ़सल हुई प्रभावित

By Shishir Agrawal

बड़वानी ज़िले के तलून गाँव में नहर फूटने से किसान के खेत में पानी भर गया. इससे यहाँ के किसान की फ़सल ख़राब हो गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह नहर पहली बारिश में ही फूट गई जबकि अभी पूरा मानसून का सीज़न बचा हुआ है.

महिलाओं को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक कर रहीं हरदा की यह लड़कियाँ

By Shishir Agrawal

हरदा ज़िले की युवा लड़कियाँ जलवायु परिवर्तन के महिलाओं पर होने वाले प्रभाव के विषय में लोगों को जागरूक कर रही हैं. वह इसके लिए नुक्कड़ नाटक, चित्रकला और जन संपर्क का सहारा ले रही हैं. इस अभियान का असर वह अपने निजी जीवन में भी देख पा रही हैं.

भोपाल में 'एकलव्य फाउंडेशन' का पर्यावरण अनुकूल भवन क्यों है खास?

By Shishir Agrawal

भोपाल की स्वयंसेवी संस्था 'एकलव्य फाउंडेशन' का भवन पर्यावरण अनुकूल बनाया गया है. यह भवन बढ़ती गर्मी से निजात दिलाने के लिए नवीन भवन निर्माण तकनीक की मिसाल पेश करता है.

डूब प्रभावितों को मुआवज़ा देने की माँग को लेकर मेधा पाटकर का अनशन जारी

By Shishir Agrawal

सरदार सरोवर के चलते सितम्बर 2023 में आई बाढ़ के पीड़ितों को उचित मुआवज़ा दिलाने की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर अनशन पर बैठ गई हैं. बीते 15 जून से जारी इस अनशन में उनके साथ प्रभावित परिवार भी शामिल हैं.

मध्य प्रदेश में बढ़ता तापमान कैसे बढ़ा रहा है कपास कृषि की लागत?

By Shishir Agrawal

मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खरगोन, बड़वानी और खण्डवा ज़िले प्रदेश के गर्म ज़िले माने जाते हैं. मगर यहाँ के किसान बढ़ते तापमान के दुष्प्रभाव से अछूते नही हैं. फसल से लेकर किसान तक बढ़ते तापमान से सभी बुरी तरह प्रभावित हैं।

क्या भोपाल का प्रशासनिक अमला 29 हज़ार वृक्षों का स्थानांतरण कर पाएगा?

By Shishir Agrawal

मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 29 हज़ार पेड़ काटे नहीं बल्कि स्थानांतरित किए जाएँगे. मगर सवाल यह है कि क्या वाकई भोपाल नगर निगम या फिर वन अमला इतना सक्षम है कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ स्थानांतरित किए जा सकें?

Bhopal tree cutting: क्या है 29 हज़ार पेड़ काटने का पूरा मामला?

By Shishir Agrawal

प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों 29 हज़ार पेड़ काटने को लेकर काफी विवाद हो रहा है. शिवाजी नगर और तुलसी नगर की कुछ महिलाओं ने पेड़ों से चिपक कर प्रतीकात्मक विरोध भी किया. उनका कहना है कि यह पेड़ उनके द्वारा बड़े किए गए हैं अतः हम इन्हें नहीं कटने देंगे.

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