प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन करने उत्तर प्रदेश के जालौन पहुंचे। यहां उन्होंने उरई तहसील के कैथेरी गांव में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया है। प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ समेत प्रदेश के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। संबोधन को दौरान विपक्षियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने रेवड़ी कल्चर (Revdi Culture) शब्द का उपयोग किया। बोले- ‘‘ये ‘रेवड़ी कल्चर’ वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एअरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमे जल्द ही देश की राजनीति से इस रेवड़ी कल्चर को हटाना होगा। इन रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि देश की जनता को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिय घातक है।’’
क्या है रेवड़ी कल्चर
प्रधानमंत्री मोदी ने रेवड़ी कल्चर शब्द अपने विरोधियों पर निशाना साधने के लिय इस्तेमाल किया है। अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ कि आख़िर पीएम मोदी ने रेवड़ी कल्चर किसे और क्यों कहा है। निश्चित है वो उन राज्य सरकारों पर निशाना साध रहे थे जो जनता को फ्री सुविधाओं का लगातार एलान कर रहे हैं।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन आज किया है वो 296 किलोमीटर लंबा है। यह फोर लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया है। इसके साथ ही जल्द ही इसको 6 लेन बनाने का काम शुरू किया जाएगा।
यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक बना है, ये आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। इसकी मदद से दिल्ली बुंदेलखंड से दिल्ली जाना अब आसान हो गया है।
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