लद्दाख (Ladakh) के लोकसभा चुनाव के नतीजों में बड़ा परिवर्तन दिखा है। लद्दाख की जनता ने, भाजपा और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार के बरक्स निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा (Mohammad Haneefa) को चुना है। आइये जानते हैं कौन हैं मोहम्मद हनीफा, और उनके प्रचार के दरमियान कौन से मुद्दे रहे हैं केंद्र में।
लद्दाख लोकसभा में 2 जिले कारगिल, और लेह ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार मतदान किया था। लद्दाख में कुल मतदाता तकरीबन 1 लाख 84 हजार हैं, इनमे से 96 हजार कारगिल के हैं, और 88 हजार लेह के। जहां लेह में बौद्ध आबादी बहुतायत में है, वहीं कारगिल में शिया मुस्लिम आबादी की संख्या अधिक है।
इस बार विजेता मोम्मद हनीफा खुद कारगिल से आते हैं। इस बार कारगिल की जनता में मांग भी थी कि उनका प्रतिनिधि कारगिल से ही हो। हनीफा के सामने कांग्रेस से त्सेरिंग नामग्याल थे। इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के कारण त्सेरिंग को नेशनल कॉन्फ्रेंस का भी सपोर्ट था। वहीं भाजपा ने ताशी ग्यालसों को मैदान में उतारा था जो कल के नतीजों में तीसरे स्थान पर आए हैं।
लद्दाख में चुनाव से ठीक पहले सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) के नेतृत्व में बड़ा प्रदर्शन हुआ था। यह प्रदर्शन पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधनों, और लद्दाख की स्वायत्तता के मुद्दों को केंद्र में रख कर किया गया था। यहां की जनता में पर्यावरण को लेकर के चिंता थी, वहीं छठी अनुसूची को लेकर मौजूदा टालमटोल को लेकर नाराजगी भी थी।
कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल ने अपने प्रचार में छठी अनुसूची के मुद्दे को रखा था, वहीं भाजपा इस पर चुप्पी साढ़े हुए थी। दूसरी ओर हनीफा ने 4 बातों को लेकर चुनाव लड़ा था। इनमें छठी अनुसूची, लद्दाख को राज्य का दर्जा, लद्दाख के लिए पृथक राज्य सेवा आयोग, और नौकरियों के लिए आरक्षण थीं।
इस बार लद्दाख की जनता के बीच पर्यावरण और छठी अनुसूची का मुद्दा केंद्र में था। इसे लेकर कई बैठके और प्रदर्शन हुए जिन्हे जनता का भारी समर्थन मिला था। लेकिन इस विषय पर तात्कालीन भाजपा सांसद की चुप्पी से जनता में रोष था। और यह रोष चुनाव के नतीजों में कन्वर्ट हुआ दीखता है।
यह भी पढ़ें
- पर्यावरण बचाने वाले उत्तराखंड के शंकर सिंह से मिलिए
- दुर्लभ देसी पौधों की प्रजातियों को बचा रहे पुणे के यह युवा
- देसी बीजों को बचाने वाली पुणे की वैष्णवी पाटिल
- जवाई लेपर्ड सेंचुरी के आस-पास होते निर्माण कार्य पर लगते प्रश्नचिन्ह
पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।