सोमवार की देर रात मुंबई में हुए एक हादसे में 36 राजहंस पक्षियों की मौत हो गई. दरअसल एमिरेट्स फ्लाइट का एक विमान मुंबई से दुबई जा रहा था. इसी दौरान इस विमान से राजहंस (flamingo) का एक झुण्ड आकर टकरा गया जिससे यह हादसा हुआ है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक ख़बर के अनुसार एमिरेट्स फ्लाइट ईके 508 मुंबई से दुबई जाने के लिए उड़ान भर रही थी. इसी दौरान इन पक्षियों का झुण्ड विमान से आ टकराया. पाइलेट द्वारा पक्षियों के विमान से टकराने की सूचना तुरंत स्थानीय हवाई ट्राफिक नियंत्रण के सम्बंधित अधिकारियों को दी गई. इसके बाद विमान की वापस लैंडिंग करवा दी गई.
40 तक हो सकती है मृतक पक्षियों की संख्या
यह घटना मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुई है. स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पक्षियों के शव उनके इलाके में गिरते हुए देखे जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी. वन विभाग के सम्बंधित अधिकारियों ने जांच कर 29 राजहंस के मृत पाए जाने की पुष्टि की. हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कुत्तों द्वारा कुछ पक्षी उनके घटना स्थल पर पहुँचने से पहले खा लिए गए हों. उनका मानना है कि मृत पक्षियों की संख्या 36 से 40 तक हो सकती है.
क्या बिजली के तार बने कारण?
हालाँकि एक स्थानीय स्वयंसेवी संस्था (NGO) वनशक्ति के डी स्टालिन ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए यह आशंका जताई कि थाणे राजहंस सेंचुरी (thane creek flamingo sanctuary) पर से गुज़रने वाली बिजली की तारों के कारण यह पक्षी अपना रास्ता भटक जा रहे हैं.
आपको बता दें कि बीते ही साल राष्ट्रिय वन्यजीव बोर्ड ने इस सेंचुरी से और बिजली के तारों को गुज़ारने की अनुमति दी थी. इस दौरान पक्षियों की सुरक्षा के बारे में सवाल खड़े किए गए थे जिसके बाद सम्बंधित कंपनी अडानी ट्रांसमिशन (adani transmission) को ‘बर्ड फ्लाइट डाईवर्टर’ और ‘बर्ड रिफ्लेक्टर’ का इस्तेमाल करने को कहा गया था. मगर पर्यावरणविदों का कहना है कि इन बिजली के तारों को सेंचुरी पर से गुज़ारने की अनुमति दी ही नहीं जानी चाहिए थी.
भारत में जनवरी 2018 से अक्टूबर 2023 तक करीब 600 पक्षियों के विमान से टकराने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. वहीँ अगर राजहंसों की बात करें तो मुंबई में हर साल सर्दियों के मौसम में यह पक्षी प्रवास पर आते हैं. अनुमान के मुताबिक हर साल करीब एक लाख लैसर फ्लेमिंगो (lesser flamingo) और ग्रेटर फ्लेमिंगो (greater flamingo) देश के इस हिस्से में अपना प्रवास करते हैं.
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