In March, the Bhopal Municipal Corporation demolished all houses in this settlement. During this time, residents were promised resettlement. However, almost three months later, they are still waiting.
बीते मार्च को भोपाल नगर निगम द्वारा एनजीटी के एक आदेश का पालन करते हुए भदभदा बस्ती को पूरी तरह से तोड़ दिया गया था. 3 महीने बाद भी यहाँ के लोग पुनर्वास का इंतज़ार कर रहे हैं.