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Jabalpur West Vidhansabha: तरुण भनोट या राकेश सिंह, किसे चुनेगी जनता इस बार?

जबलपुर पश्चिम (Jabalpur West), जबलपुर की एक महत्वपूर्ण विधानसभा है, यहां से मध्य प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा प्रवाहित होती है

By Chandrapratap Tiwari
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Jabalpur West Developmental issues

जबलपुर महाकौशल क्षेत्र का सबसे बड़ा जिला है एवं जबलपुर पश्चिम (Jabalpur West), जबलपुर की एक महत्वपूर्ण विधानसभा है, यहां से मध्य प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा प्रवाहित होती है, यहां ऐतिहासिक मदन महल का किला है एवं इसी विधानसभा में जबलपुर की संस्कृति का केंद्र बिंदु ग्वारीघाट एवं तिलवारा घाट आता है जहां गांधी जी की अस्थियां प्रवाहित हुई थी (तिलवारा घाट में) इस प्रकार यह विधानसभा अपने आप में इस बार के चुनाव में और अनोखी हो गई क्योंकि भाजपा ने इस बार इस विधानसभा में भी प्रयोग करते हुए लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के सचेतक (whip) एवं चार बार से जबलपुर से सांसद राकेश सिंह को  वर्तमान कांग्रेस विधायक तरुण भारत के विरुद्ध टिकट दिया है। 

Jabalpur West से 2023 प्रत्याशी

  • कांग्रेस प्रत्याशी- तरुण भनोट वर्तमान विधायक
  • भाजपा प्रत्याशी- राकेश सिंह वर्तमान सांसद

जबलपुर पश्चिम (Jabalpur West) विधानसभा की संरचना अपने आप में थोड़ी यूनिक है, यहां कई तरह का डेमोग्राफिक मिश्रण दिखाई देता है यहां पर रामपुर, शक्ति नगर जैसे पॉश एरियाज और मदन महल पहाड़ी, ग्वारीघाट, तिलवारा, गढ़ा  की बस्तियां, अतिक्रमण में रहने वाले झुग्गियों में रहने वाले गरीबों की जनसंख्या दोनों है और यह विधानसभा गाँव एवं शहर दोनों का फ्लेवर समान्तर रूप से देती  है। 

यहां यदि एक और 45% सामान्य वर्ग की जनता है वहीं दूसरी ओर सिख समुदाय एवं सिंध पंजाब आदि जगहों से बंटवारे के समय आए हुए प्रवासियों की पर्याप्त जनसंख्या है अर्थात यह क्षेत्र सामाजिक विविधता से भरा हुआ है जितना वैभवशाली यहां का इतिहास, यहां की संस्कृति है उतनी ही दिलचस्प यहां की राजनीति भी है। 

राजनीतिक इतिहास

अगर यहां का राजनीतिक इतिहास देखा जाए तो 1998 के चुनाव से 2008 के विधानसभा चुनाव तो लगातार भाजपा यहां काबिज रही, भाजपा के प्रत्याशी हरेंद्रजीत सिंह बब्बू यहां से लगातार तीन बार चुनाव जीते, 2013 में तरुण भनोट कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में उतरे और उन्होंने हरेंद्रजीत सिंह बब्बू को 923 वोट के मार्जिन से एक क्लोज कांटेस्ट में  हराया, और 2018 में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की। 

जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो उसमें तरुण भनोट को वित्त मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो दिया गया, गौरतलब है कि इस विधानसभा (Jabalpur West) से तरुण भनोट के पिता श्री चंद्र कुमार भनोट भी दो बार विधायक चुने जा चुके हैं एवं एक बार मध्य प्रदेश के मंत्री भी रह चुके हैं यह माना जा सकता है कि लंबे समय तक यह विधानसभा बीजेपी का एक मजबूत गढ़ रही है परंतु पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस इस पर अपना मजबूत पकड़ जमा चुकी है इसी के कारण भारतीय जनता पार्टी को अपने सिटिंग सांसद को यहां से विधानसभा के लिए दावेदारी करवानी पड़ी। 

यह एक बड़ी विधानसभा है यहां कुल 2,18,903 मतदाता है, जिनमे सामान्य वर्ग के 45 फ़ीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग के 23 फ़ीसदी व अनुसूचित जनजाति के चार फीसदी अनुसूचित जाति के 13 फ़ीसदी मतदाता है एवं 15 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता हैं जिनमें मुख्यतः सिख एवं जैन समाज के लोग हैं जो कि यहां की डेमोग्राफी का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है। 

Jabalpur West विधानसभा में विकास के मुद्दे

इस बार के चुनाव में इस क्षेत्र में प्रमुख मुद्दा नर्मदा नदी की सफाई उसे पर बहने वाले नालों का दूषित जल, नर्मदा पाथवे एवं मदन महल में बन रहा विशाल फ्लाइ ओवर जिसका बहुत लंबे समय से निर्माण चल रहा है काफी सुर्खियों में रहा, इसके अतिरिक्त मदन महल अंडर ब्रिज जो कि हर बार बरसात के समय भर जाता है एवं लंबे समय के लिए आवागमन बाधित होता है भी एक महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर पर्याप्त कार्य नहीं हुआ और यह हर बरसात में समस्या का सबब बनता है। 

बहुत छोटे समय के लिए जब कांग्रेस सरकार में थी तब यहां के विधायक तरुण भनोट वित्त मंत्री थे जिन्होंने साबरमती की तर्ज पर नर्मदा रिवर फ्रंट बनाने की घोषणा की थी।  कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद जब भाजपा की सरकार आई तब उन्होंने नर्मदा रिवर फ्रंट को नर्मदा पाथवे या नर्मदा कॉरिडोर के रूप में नई योजना का नाम दिया और अब बीजेपी इस प्रोजेक्ट को भुनाने के पूरे प्रयास में है। 

इस विधानसभा (Jabalpur West) क्षेत्र में अतिक्रमण भी एक बड़ी समस्या है यहां पर जैसे कि लगभग 2009 से चर्चा में रहा फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट जो कि अब अपने निर्माण के अंतिम फेज में है उसको लेकर, और सड़कों के चौड़ीकरण को लेकर अतिक्रमण हटाने की समस्या बार-बार आई पर यहां बहुत से गरीब लोग जो उन पहाड़ी के किनारे झुग्गियों में बसे हैं और अपनी गुमटी और इन छोटे-मोटे साधनों के सहारे अपना घर चलाने का प्रयास कर रहे हैं, उनके पास पेयजल, आवास और सबसे आवश्यक उनके पुनर्वास की समस्या का अभी तक उचित उपचार नहीं हुआ है जो की एक बहुत बड़ा नकारात्मक कारक है।  इसके अतिरिक्त यहां पर लोगों के पास रोजगार न होने के कारण नशा एवं अपराध में बढ़ोतरी देखी गई है जो की चिंता का विषय है। 

विकास पर राजनीति भारी

अगर चुनाव में विकास कार्यों पर उम्मीदवारों का रुझान देखा जाए तो आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार चलता आ रहा है। जहां एक और बीजेपी तरुण भनोट के कार्यकाल को एक फेल कार्यकाल बता रही है, वहीं पर तरुण भनोट भारतीय  जनता पार्टी की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार ने विकास कार्यों को गति देने हेतु उनका  पूरा सहयोग नहीं किया। 

अगर अभी तक का आकलन किया जाए तो कांग्रेस के प्रत्याशी तरुण भनोट का पक्ष किस सीट में भारतीय जनता पार्टी के राकेश सिंह की तुलना में अधिक मजबूत दिखाई देता है, तरुण भनोट राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया, प्रियंका गाँधी तरुण भनोट के समर्थन में ग्वारीघाट आईं व पूजा अर्चना भी की। 

हालांकि राकेश सिंह चार बार से भारतीय जनता पार्टी की ओर से सांसद चुने गए हैं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, फिर भी हमें यह बात हमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए की जनता जब विधानसभा व लोकसभा के लिए मतदान करती है तो अलग अलग मापदंडों को देखकर अपना चुनाव करती है, दूसरी बात पश्चिम विधानसभा में तरुण भनोट ने इन 10 वर्षों में अपनी मजबूत पकड़ स्थापित की है एवं उनका जनता से सीधा संपर्क रखने का लगातार प्रयास रहा है एवं जनता के बीच में उनकी अच्छी छवि बनी है फिर भी भाजपा के कंपीटेंस को नकारा नहीं जा सकता है। तो इस बार का चुनाव दिलचस्प होगा जहां भाजपा ने अपने पिछले डैमेज को कंट्रोल करने के लिए एक बड़ा दांव राकेश सिंह के तौर पर खेला है और वहीं कांग्रेस ने इस विधानसभा (Jabalpur West) पर अपना पर मजबूती से जमा लिया है। 

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