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Maihar Vidhansabha : कांग्रेस बीजेपी के प्रत्याशी घोषित मगर सारी नज़रें नारायण पर

सतना ज़िले के अंतर्गत आने वाले Maihar Vidhansabha Seat से बीजेपी की ओर से श्रीकांत चतुर्वेदी और कांग्रेस से घर्मेश घई को टिकट दिया गया है.

By Shishir Agrawal
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Maihar Vidhansabha

प्रदेश के हर विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश का विन्ध्य क्षेत्र सभी की निगाहों में रहता है. इस क्षेत्र से अर्जुन सिंह, उनके बेटे अजय सिंह, श्रीनिवास तिवारी, राजेन्द्र शुक्ल, नारायण त्रिपाठी जैसे बड़े नेता निकले हैं. पारंपरिक तौर पर यह बीजेपी का क्षेत्र माना जाता है. विन्ध्य क्षेत्र में कुल 30 सीटें हैं. इनमें रीवा, सतना, सीधी और अनुपपुर ज़िले की सीटें शामिल हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 30 में से केवल 6 सीटें ही कांग्रेस जीत पाई थी. इसके पहले 2013 में भी केवल 12 सीट ही कांग्रेस के खाते में गई थी. पूर्व में सतना ज़िले के अंतर्गत आने वाले मैहर को ज़िला बनाने की घोषणा की गई है. फिलहाल मैहर (Maihar Vidhansabha) से बीजेपी की ओर से श्रीकांत चतुर्वेदी और कांग्रेस से घर्मेश घई को टिकट दिया गया है. वहीँ बीजेपी से बगावत कर चुके मौजूदा विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा खुद की पार्टी से चुनाव लड़े जाने के कयास लगाये जा रहे हैं. 

क्या है इस Maihar Vidhansabha का इतिहास

पारंपरिक तौर पर यह सीट किसी भी पार्टी की सीट नहीं रही है. साल 2003 में यहाँ से नारायण त्रिपाठी समाजवादी पार्टी से विधायक के रूप में चुने गए थे. इसके बाद साल 2008 में उनके सामने बीजेपी के मोतीलाल तिवारी थे. उन्होंने इस साल त्रिपाठी को मात देते हुए जीत हासिल की थी. साल 2009 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेने के बाद 2013 में नारायण त्रिपाठी बीजेपी के प्रत्याशी रमेश पाण्डेय को हरा कर 7 हज़ार मतों से विजयी हुए. इसके बाद बिना अपना कार्यकाल पूरा किए साल 2016 में वो बीजेपी में शामिल हो गए. 2018 के चुनावों में नारायण ने जीत तो हासिल की मगर उनका जीत का मार्जिन केवल 2900 वोट था. 

जनता के बीच मैहर से मौजूदा विधायक नारायण त्रिपाठी, स्त्रोत इंस्टाग्राम
जनता के बीच मैहर से मौजूदा विधायक नारायण त्रिपाठी, स्त्रोत इंस्टाग्राम

दल बदलते नारायण

मौजूदा विधायक त्रिपाठी दल बदलने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपनी राजनीति की शुरूआत समाजवादी पार्टी से की. वह मुलायम सिंह को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं. इसके बाद कांग्रेस से होते हुए वह बीजेपी में पहुँचे हैं. बीजेपी में रहते हुए भी वह पार्टी के खिलाफ बयानबाज़ी के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मैहर को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद उन्होंने अपने एक पोस्टर में शिवराज और कमलनाथ दोनों को ही धन्यवाद कहा था. इस बार बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था. त्रिपाठी ने इस्तीफे से पहले ही विंध्य जनता पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया था. बीते शुक्रवार उन्हें अपनी पार्टी के लिए चुनाव आयोग की ओर से चुनाव चिन्ह भी दे दिया गया है.

बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी

बीजेपी ने (Maihar Vidhansabha) अपनी टिकट पर श्रीकांत चतुर्वेदी को मैदान में उतारा है. चतुर्वेदी ऐसे सिंधिया खेमे के नेता माने जाते हैं. हालाँकि इस क्षेत्र में सिंधिया का कोई भी प्रभाव नहीं है. इससे पहले साल 2018 में वह कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े थे. वहीँ कांग्रेस ने धर्मेश घई को मैदान में उतारा है. यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा. इससे पहले वह मैहर नगरपालिका के अध्ययक्ष रह चुके हैं.  

क्या हैं प्रमुख मुद्दे

नारायण त्रिपाठी विंध्य के बड़े ब्राम्हण नेता माने जाते हैं. उन्होंने विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर ही अपनी पार्टी बनाने का ऐलान किया था. मगर 4 बार से विधायक रहे त्रिपाठी के गृह क्षेत्र में अस्पताल, लॉ एंड ऑर्डर सहित कई प्रमुख मुद्दे हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार बीते साल मैहर के सिविल अस्पताल में एक बच्ची को बेड न मिलने पर उसके ज़मीन पर बैठकर खून चढ़ाने की बात कही गई थी. इसके अलावा इस अस्पताल से अन्य अनियमितता सामने आती रहती हैं. हालाँकि दो साल पहले विधायक द्वारा जनता के सहयोग से ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया गया था. इसके अलावा हाल ही में मैहर से एक बच्ची के रेप का मामला भी प्रदेश भर में चर्चित हुआ था. ऐसे में नए बने इस ज़िले के लॉ एण्ड ऑर्डर पर भी सवाल उठे हैं.

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