सीधी के पेशाब कांड के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित को अपने निवास में बुलाया और उसके पाँव धुले. इसके अलावा आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर पर बुलडोज़र भी चला दिया गया. इसके साथ ही ऐसा लग रहा था कि यह मामला यहीं समाप्त हो जाएगा. मगर विपक्ष इस काण्ड को इतनी जल्दी पूर्णविराम देने के पक्ष में दिखाई नहीं दे रहा है.
बीते रविवार 9 जुलाई को मध्यप्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया गया और यह दावा किया कि मुख्यमंत्री द्वारा जिस व्यक्ति के पाँव धोए गए हैं वह असल में पीड़ित नहीं बल्कि कोई और है. वीडियो के साथ कांग्रेस ने लिखा, “सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा, शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता हैं क्या? शिवराज जी इतना षड्यंत्र, मध्य प्रदेश आपको माफ़ नहीं करेगा.”
दरअसल कांग्रेस ने ज़ी न्यूज़ के एक वीडियो को अपलोड करके ट्वीट किया है जिसमें पीड़ित कहता है कि वायरल हुए वीडियो में वह नहीं है. इसके बाद सोशल मीडिया में अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया आई हैं. कुछ लोगों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान झूठ बोल रहे हैं और उनका झूठ पकड़ा गया है. वहीँ कुछ लोग कांग्रेस के इस दावे को निराधार बता रहे हैं.
इसके बाद पत्रकार विष्णुकांत द्वारा पीड़ित का एक और वीडियो अपलोड किया गया जिसमें वह उन्हें इंटरव्यू दे रहे हैं. इस वीडियो में वह स्वीकार करते हैं कि पहले उन्हें खुद यह यकीन नहीं हो रहा था कि यह उनका वीडियो है क्योंकि उनको ऐसा कुछ भी याद नहीं था.
पीड़ित के अनुसार पुसिल के सामने बयान देने के दौरान वह नशे में था इसलिए वह सही बयान नहीं दे सका. मगर द मूकनायक द्वारा जारी एक वीडियो रिपोर्ट में पीड़ित की पत्नी कहती हैं,
“हमारे पति ने हमें इस घटना के बारे में नहीं बताया था. मगर जब हमने वीडियो देखा तब हमें पता चला कि उनके साथ ऐसा हुआ है.” वह कहती हैं कि उनके पति का कभी किसी से झगडा नहीं हुआ है ना ही किसी से उनका कोई बैर रहा है. आगे उन्होंने कहा कि वह डरी हुई हैं और वह नहीं चाहतीं कि उनको या उनके पति को कुछ हो.
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