यूएन जनरल अस्सेम्ब्ली को संबोधित करते हुए बार्बाडोस (Barbados) की प्रधानमंत्री मिया मोटले (Mia Mottley) ने कहा कि “ऐसे कोई भी प्रयास जिसके ज़रिये हम इस सच को अस्वीकार करने की कोशिश कर रहे हैं कि जलवायु संकट की उत्पत्ति मानव जनित है, असल में खुद को धोखा देना है. ऐसा करना खुद को इससे होने वाली मौतों और नुकसान में शामिल करना है.” मगर यह अकेला मौका नहीं है जब उन्होंने बेहद मुखर होकर जलवायु परिवर्तन और उसके लिए किए जाने वाले इकॉनोमिक रिफ़ॉर्म की बात की है. COP26 के दौरान बोलते हुए भी उन्होंने क्लाइमेट क्राईसिस से निपटने के लिए बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों से बार्बाडोस जैसे छोटी अर्थव्यवस्था वाले देशों की मदद करने की अपील की थी.
कौन हैं मिया मोटले?
मिया मोटले (Mia Mottley) वेस्ट इंडीज़ के अंतर्गत आने वाले देश बार्बाडोस की आठवीं प्रधानमंत्री हैं. वह अपने देश की पहली महिला हैं जो इस पद पर पहुँचीं हैं. मिया का एक लम्बा पॉलिटिकल करियर रहा है. वह अपने देश की राजनीति में 3 दशक से सक्रीय हैं. इस दौरान उन्होंने शिक्षा एवं सांस्कृतिक मंत्री, अटॉर्नी जनरल, गृह मंत्री और वित्त मंत्री के रूप में सरकार में काम किया है.
कोरी बातें करने के बजाय मिया (Mia Mottley) वैश्विक आर्थिक संगठनों जैसे वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ़ की आर्थिक नीति में सुधार की बात करती हैं. वह ऐसा अपने अनुभव के आधार पर भी करती हैं क्योंकि पहले वह वर्ल्ड बैंक की डेवलपमेंट कमेटी की को-चेयर के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं.
मिया आर्थिक रूप से ऐसी नीतियों की वकालत करती हैं जो छोटे और जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रहे देशों पर आर्थिक बोझ डालने के बजाय उनकी मदद कर सके. आईएमएफ़ और देशों को क़र्ज़ देने वाली प्राइवेट संस्थाओं के साथ काम करते हुए उन्होंने अपने देश के लिए क़र्ज़ पर लगने वाले ब्याज के पैसे को बहुत हद तक कम करवाया था.
ब्रिज टाउन इनिशिएटिव
बीते महीने पैरिस में हुए एक आयोजन में मिया द्वारा ‘ब्रिज टाउन इनिशिएटिव’ का प्रस्ताव रखा गया था. यह प्रस्ताव छोटी अर्थव्यवस्था वाले क़र्ज़दार देशों को वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में बदलाव करके सहायता प्रदान करने की बात करता है. इस प्रस्ताव में जी 20 देशों में से ऐसे राष्ट्र जो बार्बाडोस जैसे देशों को क़र्ज़ देते हैं, उनसे अपनी क़र्ज़ की नीति में इन छोटे देशों के अनुसार बदलाव करने और क़र्ज़ माफ़ करने सम्बन्धी बातचीत को बढ़ावा देने का आग्रह करता है. इसके अलावा यह प्राइवेट और अन्य कर्ज़दाताओं को अपनी शर्तों में क्लाइमेट डिज़ास्टर से सम्बंधित क्लॉज़ जोड़ने का प्रस्ताव भी देता है.
मिया (Mia Mottley) पर्यावरण को लेकर न सिर्फ मुखर हैं बल्कि वह विज़नरी भी हैं. उन्होंने अपने देश के जीवाश्म ईधन के प्रयोग को बंद करने के लिए 2030 तक का लक्ष्य रखा है. उनका मानना है कि देश के हर घर में सोलर पैनल और घर के बाहर इलेक्ट्रिक व्हीकल होना चाहिए.
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