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Photo Source: Ground Report
इस वर्ष गेहूं की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत के अनुसार, मध्य प्रदेश में अब तक 1,25,631 किसानों से 10,25,735 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है। किसानों को अब तक 1,794.82 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित किया है। इस प्रकार किसानों को कुल 2,600 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहे हैं। इसी तरह राजस्थान सरकार भी 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे रही है।
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में उपार्जन की स्थिति अलग-अलग है। उज्जैन में सबसे अधिक 1,93,362 मीट्रिक टन, सीहोर में 1,61,737 मीट्रिक टन, देवास में 90,740 मीट्रिक टन और शाजापुर में 92,613 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हुआ है। अन्य प्रमुख जिलों में इंदौर (69,558 मीट्रिक टन), भोपाल (74,075 मीट्रिक टन) और राजगढ़ (66,047 मीट्रिक टन) शामिल हैं।
इस वर्ष गेहूं खरीद की प्रक्रिया में काफी तेजी देखी जा रही है। दो अप्रैल तक देशभर में 10 लाख टन से अधिक गेहूं खरीद लिया गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में केवल 3.5 लाख टन की खरीद हुई थी। इसका मुख्य कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में दो सप्ताह पहले ही शुरू हुई खरीद और अच्छी आवक है।
मध्य प्रदेश से लगभग 1 मीट्रिक टन, राजस्थान से 51,373 टन और उत्तर प्रदेश से 10,625 टन गेहूं की खरीद अब तक पूरी हो चुकी है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात की मंडियों में कुल 2.6 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है, जबकि पिछले वर्ष यह मात्रा केवल 0.98 मीट्रिक टन थी।
सरकार का लक्ष्य 2025-26 सीजन में किसानों से कुल 31 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का है। इसमें पंजाब से 12.4 मीट्रिक टन, हरियाणा से 7.5 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश से 6 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश से 3 मीट्रिक टन, राजस्थान से 2 मीट्रिक टन और गुजरात से 0.1 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य है।
मध्य प्रदेश में गेहूं उपार्जन के लिए 15 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है और पंजीयन की अंतिम तिथि 9 अप्रैल है। एफसीआई के पास 1 अप्रैल को आवश्यक 7.46 मीट्रिक टन के बफर स्टॉक के मुकाबले 12 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक उपलब्ध है।
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