Powered by

Advertisment
Home हिंदी

बजट 2025: कृषि क्षेत्र के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपए जानिए क्या-क्या मिला?

बजट 2025-26 में कृषि के लिए बीते साल की तुलना में ₹31,000 करोड़ की बढ़ोतरी। नई पीएम धन-धान्य योजना देश के 100 जिलों में लागू होगी। सरकार का दावा कृषि आय में 10 सालों में 5.23% वार्षिक वृद्धि। वहीं किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹3 लाख से ₹5 लाख हुई।

By Ground Report Desk
New Update
union budget agriculture

वित्तमंत्री ने कहा कि यह बजट मुख्य रूप से 10 क्षेत्रों को केंद्र में रखकर बनाया गया है। इनमें कृषि क्षेत्र पहला इंजन है। Photograph: (Ground Report)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फ़रवरी को वित्तवर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने 12 लाख तक की आय वाले सभी लोगों को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर करने की घोषणा की जो एक बड़ी राहत है। साथ ही उन्होंने अपने भाषण में कृषि क्षेत्र के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। 

Advertisment

आइए जानते हैं कि केंद्रीय बजट 2025-26 में किसानों के लिए क्या-क्या है?

कृषि के बजट में 31 हज़ार करोड़ की बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने इस बार कृषि क्षेत्र के लिए कुल बजट में से 1.71 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जबकि यही बजट पिछले साल 1.40 लाख करोड़ रुपए था। यानि बीते वित्त वर्ष की तुलना में इस वर्ष के बजट में 31,000 करोड़ का इजाफा किया गया है। अपने भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट मुख्य रूप से 10 क्षेत्रों को केंद्र में रखकर बनाया गया है। इनमें कृषि क्षेत्र पहला इंजन है।

पीएम धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा

अपने भाषण में वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की भी घोषणा की है। यह योजना देश के कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में लागू होगी। इस योजना के तहत उत्पादन बढ़ाने के लिए सस्टेनेबल कृषि के तरीकों पर ध्यान दिया जाएगा। पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भण्डारण की सुविधाएं और दुरुस्त की जाएंगी ताकि आनाज खराब न हो सके। सरकार के अनुसार इस योजना से देश के 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।

10 सालों में कृषि आय में 5.23% की वार्षिक वृद्धि

अपने भाषण में वित्त मंत्री ने दावा किया कि पिछले एक दशक में कृषि आय में 5.23% की वार्षिक वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि साल 2017 से 2023 के बीच कृषि क्षेत्र की औसत विकास दर 5% रही है। वहीं खरीफ़ सीजन 2024 में 1647.05 लाख मीट्रिक टन के उत्पादन का अनुमान है। यह पिछले साल की तुलना में 89.37 लाख मीट्रिक टन अधिक होगा। 

इसके अलावा केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ा दी है। अब इसकी सीमा 3 लाख की जगह 5 लाख होगी।

भारत में स्वतंत्र पर्यावरण पत्रकारिता को जारी रखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट का आर्थिक सहयोग करें। 

यह भी पढ़ें

कूड़े की यात्रा: घरों के फर्श से लैंडफिल के अर्श तक

‘अस्थमा है दादी को…’: दिल्ली में वायु प्रदूषण से मजदूर वर्ग सबसे ज़्यादा पीड़ित

किसान बांध रहे खेतों की मेढ़ ताकि क्षरण से बची रहे उपजाउ मिट्टी

कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्र 'हरित समाधान' या गाढ़ी कमाई का ज़रिया?

पर्यावरण से जुड़ी खबरों के लिए आप ग्राउंड रिपोर्ट को फेसबुकट्विटरइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सएप पर फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हमारा साप्ताहिक न्यूज़लेटर अपने ईमेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी जटिल शब्दावली सरल भाषा में समझने के लिए पढ़िए हमारी क्लाईमेट ग्लॉसरी ।