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वित्तमंत्री ने कहा कि यह बजट मुख्य रूप से 10 क्षेत्रों को केंद्र में रखकर बनाया गया है। इनमें कृषि क्षेत्र पहला इंजन है। Photograph: (Ground Report)
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फ़रवरी को वित्तवर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने 12 लाख तक की आय वाले सभी लोगों को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर करने की घोषणा की जो एक बड़ी राहत है। साथ ही उन्होंने अपने भाषण में कृषि क्षेत्र के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं।
आइए जानते हैं कि केंद्रीय बजट 2025-26 में किसानों के लिए क्या-क्या है?
कृषि के बजट में 31 हज़ार करोड़ की बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने इस बार कृषि क्षेत्र के लिए कुल बजट में से 1.71 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जबकि यही बजट पिछले साल 1.40 लाख करोड़ रुपए था। यानि बीते वित्त वर्ष की तुलना में इस वर्ष के बजट में 31,000 करोड़ का इजाफा किया गया है। अपने भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट मुख्य रूप से 10 क्षेत्रों को केंद्र में रखकर बनाया गया है। इनमें कृषि क्षेत्र पहला इंजन है।
पीएम धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा
अपने भाषण में वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की भी घोषणा की है। यह योजना देश के कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में लागू होगी। इस योजना के तहत उत्पादन बढ़ाने के लिए सस्टेनेबल कृषि के तरीकों पर ध्यान दिया जाएगा। पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भण्डारण की सुविधाएं और दुरुस्त की जाएंगी ताकि आनाज खराब न हो सके। सरकार के अनुसार इस योजना से देश के 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
10 सालों में कृषि आय में 5.23% की वार्षिक वृद्धि
अपने भाषण में वित्त मंत्री ने दावा किया कि पिछले एक दशक में कृषि आय में 5.23% की वार्षिक वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि साल 2017 से 2023 के बीच कृषि क्षेत्र की औसत विकास दर 5% रही है। वहीं खरीफ़ सीजन 2024 में 1647.05 लाख मीट्रिक टन के उत्पादन का अनुमान है। यह पिछले साल की तुलना में 89.37 लाख मीट्रिक टन अधिक होगा।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ा दी है। अब इसकी सीमा 3 लाख की जगह 5 लाख होगी।
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