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अख़बार में पूड़ी-जलेबी खाने वाले सावधान! FSSAI ने दी चेतावनी, यह घातक बीमारी...

अख़बार में पूड़ी-जलेबी खाने वाले सावधान! FSSAI ने दी चेतावनी, यह घातक बीमारी...

By Nehal Rizvi
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अख़बार में पूड़ी-जलेबी खाने वाले सावधान! FSSAI ने दी चेतावनी, यह घातक बीमारी...

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने फूड वेंडर्स (Food Venders) और कन्ज़्यूमर्स से फूड आइटम्स की पैकिंग अख़बार से न करने और साथ ही खाने का कोई भी सामान अख़बार (News Paper में परोसने को तत्काल प्रभाव से रोक देने का आग्रह किया है।

हमारे देश में अख़बार को केवल समाचार पढ़ने के लिए ही नहीं बल्कि समाचार पढ़ लेने के बाद कई अन्य कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाता है। मसलन खाने से जुड़ी चीज़ों को अख़बार के टुकड़े में परोसने का चलन बहुत ही आम बात है। देशभर में छोटे-छोटे फूड वेंडर्स खाने की चीज़ों को अख़बार के टुकड़े में परोसते हैं। हम लोग बड़े चाओ से पहले खाते हैं फिर उसी अख़बार के टुकड़े से हाथ मुंह पोंछकर चल देते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अख़बार में कुछ भी खाना आपको बीमार कर सकता है। फूड रेगुलेटर ने कहा है कि अख़बारों में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओ को जन्म दे सकते हैं।

अख़बार में खाना बिमारियों की दस्तक

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के चीफ एग्ज़ीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) जी. कमल वर्धन राव ने देशभर में फूड वेंडर्स से आग्रह किया है कि तत्काल प्रभाव से खाने की चीज़ों को अख़बार में परोसना या लपेटकर देना बंद कर दें। राव कहते हैं कि ऐसा इस लिए क्योंकि अख़बार की छपाई में जो स्याही का इस्तेमाल होता है उसमें अनेक प्रकार के बायोएक्टिव चीज़ें होती हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकती हैं।

राव आगे कहते हैं, ‘अख़बारों में इस्तेमाल होने वाली स्याही में जाने-पहचाने निगेटिव हेल्थ इफेक्ट स्वास्थ्य प्रभावों वाले विभिन्न बॉयोटिक सब्सटेंस होते हैं, जो खाने को दूषित कर सकते हैं और इसके पेट में जाने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकतीहैं।’

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की रिपोर्ट में आगे बताया गया कि अख़बारों में इस्तेमाल होने वाली स्याही में सीसा और भारी धातु जैसे रसायन हो सकते हैं, जो अख़बार में परोसे गए खाने के साथ आपके शरीर में जा सकते हैं।

खाने के साथ पेट में जा रहा ज़हर

FSSAI ने चेतावनी दी है, ‘खाने को परोसने के अलावा, न्यूज़ पेपर डिस्ट्रीब्यूशन के दौरान अक्सर अलग-अलग एनवॉर्मेंटल कंडीशन्स का सामना करना पड़ता है, जिससे वे बैक्टीरिया, वायरस या अन्य तरह जम्स के प्रति सेंसेटिव हो जाते हैं, जो खाने में ट्रांसफर हो सकते हैं, जो आगे चलकर फूड बॉर्न बीमारियों का कारण बन सकते हैं।’

फूड रेगुलेटर ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (पैकेजिंग) रेगुलेशन्स-2018 को भी नोटिफाइड किया है, जो खाने की चीज़ों की पैकिंग या लपेटने के लिए अख़बार या इसी तरह की चीज़ों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है। साथ ही फूड रेगुलेटर का कहना है कि समोसा या पकौड़े जैसे तली हुई चीज़ों से ज़्यादा तेल सोखने के लिए भी अख़बारों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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