दंगों में नेता नहीं रतनलाल जैसे सिपाही और आम लोग मरा करते हैं

पल्लव जैन । विचार

देश की राजधानी दिल्ली ने सोमवार और मंगलवार को जो मंजर देखा वह भयावह था। नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों ने सड़क जाम करना शुरु किया तो नागरिकता कानून समर्थकों नें कानून अपने हाथ में लेते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरु कर दिया और देखते ही देखते शहर दंगों की चपेट में आ गया। पत्तरबाज़ी और आगज़नी से दिल्ली का उत्तर पूर्वी हिस्सा पट गया। इस हिंसा में करीब 35 पुलिसवाले घायल हो गए और एक हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की जान चली गई। इस हिंसा ने सात लोगों की जान लेली यह सब आम नागरिक थे। इनमें कोई नेता नहीं था जिन्होंने जान गंवाई वे इन नेताओं की राजनीति की भेंट चढ़ गए।

हेड कांस्टेबल रतन लाल अपने परिवार के साथ

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रतनलाल हेड कॉन्स्टेबल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। वह दिल्ली पुलिस में साल 1998 में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती गोकुलपुरी सब डिवीजन के एसीपी अनुज के ऑफिस में थी। रतनलाल के बारे में जानकारी मिली है कि वह साेमवार काे बुखार होने के बावजूद ड्यूटी पर थे। दयालपुर पुलिस स्टेशन के पास दंगाईयों ने उनकी हत्या कर दी। उनके परिवार में बारह साल की बेटी सिद्धि, दस साल की बेटी कनक और सात साल का बेटा राम है। रतनलाल की पत्नी पूनम ने कहा पहले उन्हें टीवी देखकर पता चला था। रतनलाल की मौत की खबर मिलने के बाद से उनकी पत्नी बेसुध हैं और उनके बच्चे एक ही सवाल पूछ रहें उनके पिता क्या कसूर था?

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सांप्रदायिकता के ज़हर ने एक हस्ते खेलते परिवार को तबाह कर दिया। दिल्ली में हुई हिंसा ने कई गरीब लोगों के जीवन यापन के सहारे छीन लिए किसी की दुकान लूट ली गई तो किसी के ठेले में आग लगा दी गई। महिलाओं को भी पीटा गया। लोगों से उनका धर्म पूछकर मारा गया। घटना की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को भी पीटा गया। आखिर यह सब कौन हैं ? ये सभी इस देश के आम नागरिक हैं जो दिन रात काम करते हैं ताकि रात को इनके घर चूल्हा जल सके। सभी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और दंगों की चपेट में भी यही लोग आते हैं कोई नेता या उसका बेटा दंगों में नहीं मरता। वो केवल आग लगाते हैं और घर पर सुरक्षित कमरों में तमाशे देखते हैं। पुलिसवाले और पत्रकार दंगों में पत्थर और मार खा रहे होते हैं।

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Author

  • Pallav Jain is co-founder of Ground Report and an independent journalist and visual storyteller based in Madhya Pradesh. He did his PG Diploma in Radio and TV journalism from IIMC 2015-16.

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