Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Finanance Minister Nirmala Sitharaman) ने अंतरिम बजट सदन (Budget 2024) में सामने रखा। उन्होंने सरकार का साल भर का हिसाब किताब और अगले 6 महीने के खर्चे पानी की योजनाए बताईं। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को भी सेल्फ अटेस्ट कर के सामने रखा। जैसा की हम सब देखते आए हैं की सरकारें चुनाव से पहले बजट में कई सौगातें देती हैं, खुद मोदी सरकार ने 2019 के बजट में यही किया था। लेकिन इस बार का बजट (Budget 2024) थोड़ा अलग है क्योंकि इसमें लोक लुभावन जैसा कुछ भी नहीं है। इसमें एक लंबे समय का विज़न है और साथ ही सरकार का आत्मविश्वास भी की वो एक बार फिर सरकार बनाकर पूर्ण बजट (Budget 2024) पेश करने वाले हैं। आइये गौर करते हैं बजट की उन बातों पर जो इस शोर-शराबे में सामने आने से रह गई हैं।
Budget 2024: करों में कोई परिवर्तन नहीं
मोदी सरकार ने करों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। आयकर, कस्टम जैसे सभी टैक्स रेट्स पिछली बार की तरह ही हैं। हलांकि सरकार ने विवादित करों के निपटारे को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने तय किया है की 1962 से 2009 तक के 25000 और 2010-11 से 2015-16 तक के बकाया कर माफ़ कर दिए जाएंगे इससे देश के 1 लाख करदाताओं को राहत मिलेगी।
Budget 2024: बहुआयामी गरीबी से छुटकारे की और बढ़ते कदम
सरकार ने गरीब कल्याण की दिशा में अपनी उपलब्धियां दिखाईं। बजट में बताया गया की 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी (Multi Dimensional Poverty) से बाहर आये हैं, यह आंकड़ा 2005-6 में 55 प्रतिशत था जो अब घटकर मात्र 11 फ़ीसदी रह गया है। स्वनिधि योजना के तहत सरकार ने 78 लाख रेहड़ी पटरी वालों को ऋण सहायता प्रदान की है।
किसान कल्याण
सरकार ने PM किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत DBT(Direct Benefit Transfer) के माध्यम से 11.8 करोड़ की मदद की है। PM फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के माध्यम से 4 करोड़ किसानों का बीमा किया है। वहीं ENAM पोर्टल की मदद से 1361 मंडियों को जोड़ा गया जिनका ट्रेड वॉल्यूम 3 लाख करोड़ का है।
महिला सशक्तिकरण
नारी सशक्तीकरण की दिशा में सरकार ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है मुद्रा योजना (Mudra Yojana) के तहत देश भर की कुल 30 करोड़ महिलाओं के ऋण स्वीकृत किये गए हैं। PM आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत 70 फ़ीसदी मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए हैं। जहां पिछले 10 सालों में एक ओर उच्चतर शिक्षा के लिए लड़कियों का दाखिला 28 फ़ीसदी बढ़ा है, वहीं STEM (Science, Technology, Math, Engneering) कोर्सेस में महिलाओं की भागीदारी 43 प्रतिशत है। शिक्षा से इतर श्रम बल महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 37 फ़ीसदी हो गई है जो की 2017-18 के दौरान 23.3 प्रतिशत थी।
युवाओं को क्या
भारत में AIMS की संख्या 22 हो गई है जो 2014 तक 7 थी, कुल 23 IIT खुल चुके है जो 2014 तक सिर्फ 16 थे और अब तक 1113 विश्वविद्यालय खोले जा चुकें है। इसके अलावा 1 करोड़ 40 लाख युवाओं कौशल भारत मिशन के तहत प्रशिक्षण दिया जा चुका है, और युवा उद्यमियों के लिए मुद्रा योजना के तहत अब तक 43 करोड़ ऋण स्वीकृत किये जा चुके हैं।
बही-खाता
भारत के चालू वर्ष के घाटे (Current Account Deficit) जो की 2014 में 1.6 था, सरकार के अनुमान के मुताबिक 2024 में 0.6 फीसदी रहेगा। बेरोज़गारी दर 6.1(2017-18) से घटकर 3.2 रह गई है। बैंको का GNPA(Gross Non Performing Assets) 11.2(2017-18) से घटकर 3.2 प्रतिशत रह गया है। इस बार के GST कलेक्शन में भी बढ़ोतरी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी माह का GST कलेक्शन अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन रहा है। इसके अतिरिक्त भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शंस का आकार 12 हजार करोड़ से भी अधिक बढ़ गया है जो की भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
लक्ष्य: 2070 तक नेट जीरो
वहीं सरकार ने पर्यावरण के प्रति भी प्रतिबद्धता दिखाई है। 2070 तक 'नेट जीरो' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पवन ऊर्जा के क्षेत्र में Viability Gap Funding (निवेशक कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार की ओर से की जाएगी) की बात की है। इसके अलावा बायोमास की मशीनों की खरीदी में वित्तीय सहायता का भी प्रावधान किया है। सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देते हुए देश के 1 करोड़ परिवारों को सोलर उपकरण की सहायता और प्रतिमाह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की गई है। बजट में सरकार ने ई-वाहनों और ई-बसों (Electric Vehicles) के एक इकोसिस्टम को बनाने पर भी जोर दिया है।
Budget 2024: सरकार का एरोगेंस या कॉन्फिडेंस?
बजट में बहुत सी बातें हमने देखीं इनमें से कई शेष रह गईं हैं। बजट की सबसे खास बात है कि इसमें पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण पर खास ध्यान दिया गया है और जनता को रिझाने का प्रयास छोड़कर जिम्मेदार कदम उठाये गए हैं । बजट के बाद विपक्ष ने आलोचना की और कहा की इसमें मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। वहीं अकाली दल से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अंतरिम बजट में इतने आगे की बात करने के संबंध में कहा की यह सरकार का एरोगेंस है, लेकिन शायद यह बजट सरकार का एरोगेंस नहीं कॉन्फिडेंस दर्शाता है।
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